चमोली के जोशीमठ में ढोल न बजाने पर अनुसूचित जाति के शख्स पर लगाए गए जुर्माने का मुद्दा तूल पकड़ चुका है। उत्तराखंड में इस तरह की घटना सामाजिक ताने बाने पर गहरी चोट करने वाली है। मामला मई महीने का है तब से लगातार विवाद चला आ रहा है। हालांकि पुलिस ने 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है इसके बाद भी कार्रवाई को लेकर कोई तस्वीर साफ नहीं है। जातिवादी सोच को लेकर भी अब सवाल उठने लगे हैं।
कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा ने जताया एतराज़
इस मुद्दे पर कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने गहरी नाराजगी जाहिर की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। प्रदीप टम्टा ने कहा है उत्तराखंड में अनुसूचित जाति के उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं ।चमोली जिले के जोशीमठ तहसील से आ रही खबर बहुत ही विचलित करने वाली, निन्दनीय और इस देवभूमि को कलंकित करने वाली है। इस तरह की अपराधिक कृत्य करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा दंडित करने की आवश्यकता है । मेरी इस सन्दर्भ में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक चमोली से दूरभाष पर बात हुई है और उन्होंने भरोसा दिलाया है कि कार्यवाही होगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले का संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों के खिलाफ एस सी एक्ट के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
जोशीमठ तहसील से जुड़ा मामला
चमोली जिले के जोशीमठ तहसील में सुभाई गांव में किसी कारणवस ढोल नहीं बजाया तो उनके खिलाफ परंपरा का उलंघन का दोष मढ़ते हुए सामाजिक अपराध करने का आरोप लगाते हुए अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का बहिष्कार करने व गांव से बहिष्कृत करने का निर्णय लिया गया। जिससे दलित समाज के लोगों में भय व आतंक का वातावरण बन गया जिसकी शिकायत उनके द्वारा जोशीमठ पुलिस थाने में की गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ये घटना बहुत ही शर्मशार करने वाली है इसकी भर्त्सना सभी को करनी चाहिए। एक तरफ हम समता व सामाजिक सौहार्द की बात करते हैं तथा कुछ असमाजिक तत्व इस सौहार्द को समाप्त कर समाज को बांटने वाली वर्ण व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का षडयंत्र रचने का दुस्साहस कर रहे हैं।
मुझे विश्वास है सभी वर्गों के लोग इस कृत्य की निन्दा करते हुए अपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे तथा सरकार भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए इन तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी ।।
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