17 December 2025

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गैरसैंण में 27 फरवरी को सांकेतिक सत्र

गैरसैंण में 27 फरवरी को सांकेतिक सत्र

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा दिनांक 27 फरवरी, 2024 को राज्य की प्रस्तावित राजधानी गैरसैंण में जन भागीदारी से प्रतीकात्मक विधानसभा आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसी परिपेक्ष में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने दिनांक 27 फरवरी, 2024 को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में प्रतीकात्मक विधानसभा आयोजित करने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों एवं राज्य निर्माण में शहीद हुए आन्दोलनकारियों की गैरसैण को राजधानी घोषित करने की प्रमुख मांग थी कांग्रेस पार्टी ने जन भावना और आंदोलनकारियों की मांग का सम्मान करते हुए तथा पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा गैरसैण मे विधानसभा भवन एवं अन्य ढांचे का निर्माण करते हुए विधानसभा का सत्र भी आयोजित किया गया था और जब वहां विधानसभा का भवन नहीं बना था तब टेंट में कैबिनेट की बैठक भी आयोजित की और टेंट में ही विधानसभा का सत्र भी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने आयोजित करने का काम किया था ।

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सरकार की मंशा ठीक नहीं- करन माहरा

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने आन्दोलन की भावना को कुचलते हुए विधानसभा का दिव्य भव्य भवन होने की बावजूद भी वहां राजधानी घोषित करने और विधानसभा का सत्र आयोजित करने से परहेज किया है इसका क्या कारण है पर्वतीय राज्य की राजधानी अगर फरवरी मार्च में वहां आयोजित नहीं होगी तो कब होगी यह सरकार को बताना चाहिए । गैरसैण में जन भागीदारी से प्रतीकात्मक विधानसभा का आयोजन कर और जन मुद्दों पर चर्चा कर कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार को सीधा-सीधा संदेश देना चाहती है कि गैरसैंण में बिना बहाने बाजी और किसी कठिनाई के विधानसभा का सत्र आयोजित किया जा सकता है अगर मनसा और इच्छा शक्ति वहां पर सत्र अयोजित करने की हो ।

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सरकार जनसरोकार से दूर- माहरा

करन माहरा ने कहा कि गैरसैंण में आयोजित होने वाली प्रतीकात्मक विधानसभा में राज्य की आम जनता से प्रतिभाग करने का आह्रवान किया गया है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा वर्तमान विधानसभा सत्र गैरसैण के स्थान पर देहरादून में आयोजित करने की घोषणा की गई है तथा विधानसभा सत्र की अवधि भी सीमित दिन की अल्प अवधि रखी गई है जिसमें प्रश्नकाल बहुत कम समय का रखा गया है जिसमें जनहित के मुद्दों पर चर्चा होना संभव नहीं है इसीलिए प्रतीकात्मक विधानसभा में जनहित के सभी मुद्दों पर फैसले लिए जाएंगे ।