उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की कार्यकारिणी तत्काल प्रभाव से भंग कर दी गई है। महज 3 लाइन का फरमान जारी कर सभी पदाधिकारियों को एक झटके में हटा दिया गया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने ये आदमी जारी किया है। लोकसभा चुनाव से 5-6 महीने पहले पार्टी की कार्यकारिणी भंग होने से ये भी साफ हो चुका है कि शायद ही उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी को अपना भविष्य अंधेरे में नज़र आ रहा है।
हालांकि जल्द ही नई कार्यकारिणी बनाने का दावा भी चिट्ठी में है लेकिन कब होगा, क्या होगा किसी को नहीं पता। क्योंकि आप का वर्किंग कल्चर भी आलाकमान वाला हो चुका है और पार्टी के रणनीतिकार ऐसे फैसले ले रहे हैं जिनका असर नकारात्मक हो रहा है। हालांकि जून 2022 के बाद से ही उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी बिना अध्यक्ष के ही चल रही है और अब पदाधिकारी भी पैदल कर दिए गए हैं। ऐसे में सवाल है कि आगे पार्टी काम कैसे करेगी? चर्चा तो ये भी है कि संदीप पाठक अपनी ताकत का और अरविंद केजरीवाल के भरोसे का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसका खामियाजा आम आदमी पार्टी को भुगतना पड़ रहा है और भविष्य पर भी इसके गंभीर असर हो सकते हैं।
पहाड़ का पत्थर ने पहले ही बताया था सच
आम आदमी पार्टी की उत्तराखंड यूनिट को लेकर पहाड़ का पत्थर ने बीते हफ्ते ही एक ख़बर दी थी जिसमें आप के झगड़े और प्रभारियों की निष्क्रियता का सच बताया था। ये भी बताया था कि कैसे विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी बिखरती चली गई और आज भी वही हाल है। कांग्रेस छोड़कर आप में गए जोत सिंह बिष्ट भी सिर्फ पार्टी की आपसी तकरार को ही समझने में लगे रहे। जोत सिंह बिष्ट को संगठन समन्वयक जरूर बनाया था लेकिन काम करने का मौका और आज़ादी नहीं मिली। ऐसे में अब उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का भविष्य क्या होगा इस पर सस्पेंस बढ़ गया है।

More Stories
पीएम के सुझावों को अमल में लाने की कवायद में जुटी उत्तराखंड सरकार
एलआईसी ने सीएम राहत कोष में दिए 1 करोड़ रुपये
पंचायत उपचुनाव को लेकर आज जारी होगी अधिसूचना, 20 नवंबर को मतदान