उत्तराखंड की लोककला और संस्कृति जगत के लिए आज बहुत ही दुखद ख़बर है। कुमाऊंनी गीत, संगीत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाले मशहूर लोकगायक प्रह्लाद सिंह मेहरा का निधन हो गया है। मेहरा को अचानक हार्टअटैक आया और सुरों के इस सरताज को बचाया नहीं जा सका मेहरा की आवाज़ में अलग ही कसक और खनक थी। पहाड़ी गानों को नया स्वरूप देने और पहाड़ी संस्कृति के प्रचार, प्रसार के लिए उन्होंने बेहद संजीदगी से काम किया।
ए जा मेरा दानपुरा, पहाड़ की चेली समेत कई सुपरहिट गानों को अपनी आवाज़ देकर प्रह्लाद मेहरा ने कालजयी बना दिया। आज उनके निधन से संगीत की दुनिया में सूनापन है और पूरा उत्तराखंड शोक में डूबा है। प्रह्लाद मेहरा के निधन पर सीएम धामी समेत सभी नेताओं ने शोक जताया है।

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