उत्तराखंड बीजेपी के सीनियर नेताओं की आज दिल्ली में बैठक होने वाली है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज शाम उत्तराखंड के सभी सांसदों की मीटिंग लेंगे। बैठक में सीएम धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी मौजूद रहेंगे। माना जा रही है कि सभी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड खोला जाएगा। बीते तीन महीने में सांसदों ने क्या किया? जनता के बीच कितने दिन रहे? केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का कितना प्रचार किया? ये सभी पहलू देखे जाएंगे और अगले 2 महीने का होमवर्क दिया जाएगा। महाजन संपर्क अभियान के दौरान सांसद कितने एक्टिव रहे इसकी भी डिटेल रिपोर्ट आलाकमान के पास पहले ही पहुंच चुकी है। इसके आधार पर ही सांसदों का सियासी भविष्य भी तय किया जाना है। हरिद्वार और नैनीताल-ऊधमसिंह नगर में विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने बीजेपी को काफी परेशान किया था लिहाजा इन दोनों ही लोकसभा सीटों ने हाईकमान की टेंशन बढ़ा दी है। ऐसे में स्थितियां कैसे सुधारी जाएं? सांसदों की छवि कैसे बेहतर की जाए इसका भी रोडमैप बनाया जाएगा। सांसदों का राज्य सरकार के साथ कैसा तालमेल है इस पर भी आज बात होगी। साथ ही जो सांसद कमजोर साबित हो रहे हैं उन्हें एक्टिव होने को भी कहा जाएगा ताकि चुनाव में वोट मांगते वक्त ज्यादा चुनौती ना आए। हालांकि इसके आसार भी बहुत ज्यादा हैं कि बीजेपी इस बार कुछ नये चेहरों पर दांव लगाएगी. यानि मौजूदा सांसदों में से कुछ के टिकट कट सकते हैं। अब किसका पत्ता कटेगा इसे लेकर ही अटकलें लगने लगी हैं। सवाल यही है कि उत्तराखंड का संगठन क्या रिपोर्ट देता है। सांसदों के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर को कम करने के लिए सबसे बेहतर विकल्प टिकट काटना ही है लिहाजा पार्टी अभी से अपना खाका बनाने में जुट गई है। उत्तराखंड सरकार के कामकाज की रिपोर्ट भी नड्डा धामी से लेंगे साथ ही कैबिनेट में विस्तार और फेरबदल से जुड़े मसलों पर भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा संगठन को अगले 3 महीने के लिए काम की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। क्योंकि अभी बागेश्वर उपचुनाव और निकाय चुनाव का भी सामना करना है, ऐसे में पार्टी के खिलाफ लोगों में नाराजगी ना रहे और कार्यकर्ता पूरी तरह एक्टिव रहें इस पर पूरा फोकस किया जाएगा। बीजेपी की कोशिश लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज होना है इसीलिए हर राज्य और एक-एक सीट पर अभी से ध्यान दिया जाने लगा है ताकि कमजोर कड़ियों को किनारे लगाकर नए सिरे से जीत का रास्ता तय किया जाए। मतलब साफ है कि आज की बैठक सांसदों का बीपी और टेंशन दोनों बड़ा सकती है।
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