उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ0 प्रतिमा सिंह ने धामी सरकार की शराब नीति पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि सत्ता के लिए सनातन धर्म का इस्तेमाल करने वाली भाजपा देवभूमि उत्तराखण्ड प्रदेश की संस्कृति को शराबी संस्कृति में बदलना चाहती है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करने में जमीन आसमान का अंतर है। देश की भोली-भाली जनता को हिन्दुत्व के नाम पर बरगलाने और जनता को धर्म के नाम पर लड़ाने वाली भाजपा के लिए हिन्दुत्व वाद और सनातन धर्म केवल वोट बैंक के समान है, परन्तु असल में उसके आचार-विचार तामसी प्रवृति के हैं जो सनातन धर्म की संस्कृति के एकदम विपरीत है।
शराब माफिया के लिए आबकारी नीति- प्रतिमा सिंह
डाॅ0 प्रतिमा सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश में भाजपा सरकार की आबकारी नीति पूर्ण रूप से शराब माफिया को संरक्षण देने, शराब की तस्करी को बढ़ावा देने तथा उत्तराखण्ड के गांवों में हर घर तक शराब पहुंचाने वाली है। उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार आम जरूरत की चीजों पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सिलेण्डर, परिवाहन निगम की बसों के किराये की दरों में भारी वृद्धि कर आम जनता का शोशण कर रही है वहीं शराब कारोबार और नशे को बढ़ावा देने के लिए शराब के दामों में कमी कर देवभूमि उत्तराखण्ड को शराब प्रदेश बनाकर लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ करना चाहती है। उन्होंने कहा कि शराब प्रेमी भारतीय जनता पार्टी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान भी राशन की दुकानों को तो पूर्ण रूप से लाॅकडाउन के दायरे में रखा परन्तु शनिवार एवं रविवार को लागू लाॅक डाउन में पूर्ण बंदी के बावजूद शराब की दुकानों को आवश्यक सेवा में शामिल किया गया। प्रदेश के कई स्थानों में शराब की दुकान हटाने की बजाय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मूर्ति भी हटा दिया गया, इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार शराब माफिया के आगे कहां तक नतमस्तक हो रखी है। प्रतिमा सिंह ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को शराब का स्टाॅक रखने की छूट देकर उत्तराखण्ड के खाली होते गांवों को शराब की भट्टी बनाने का भी फैसला लिया है। देवभूमि के नाम से पूजे जाने वाले उत्तराखण्ड राज्य की पहचान आज खनन माफिया और शराब माफिया के रूप में होने लगी है।
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