देश के मौजूदा सामाजिक और राजनीति हालात में कांग्रेस की क्या भूमिका है। कांग्रेस कैसे सामाजिक ताने बाने को बनाकर समाज में अपनी अहमियत किस तरह बनाए रखी जाए इसी पर कांग्रेस बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ ने चर्चा की।
आज देश एक गंभीर स्थिति से गुजर रहा है। संविधान के मौलिक सूत्र – लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को नुकसान पहुँचाने के भरपूर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य के तीनों प्रमुख स्तम्भों – न्यायपालिका, कार्यपालिका, और विधायिका की स्वायत्ता और स्वतंत्रता को चारों तरफ से चुनौती मिल रही है, संवैधानिक संस्थाओं की गुणवत्ता, स्वायत्ता के साथ साथ पेशेवर कार्यप्रणाली को कमजोर किया जा रहा है वह संदिग्ध होती जा रही है। देश की आजादी के वक्त, मिश्रित अर्थव्यस्था की परिकल्पना की गई थी, जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं, देश ने हर क्षेत्र में तरक्की की है।
देश के साथ साथ, उत्तराखण्ड जिसे शांत प्रदेश में भी, जनता को मौलिक मुद्दों से भटकाने के लिए, बीजेपी लगातार सांप्रदायिक कार्ड खेल रही है, जब युवा रोजगार मांगते हैं तो उन पर लाठी चलाई जा रही है लेकिन कुछ समय बाद, सांप्रदायिक और जातिवादी नारे लगा कर आगजनी करने वालों को फूलमालाएं पहना रहे हैं . उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र से पलायन बढ़ रहा है, भगवान केदारनाथ के धाम से सोना- चांदी चोरी हो रहा है, भ्रष्ट्राचार अपने चरम पर है, फासीवादी विचारधारा छद्म राष्ट्रवाद का नारा लगाकर, भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा दे रही है .
इन्हीं विषयों पर चर्चा के लिए, कांग्रेस बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ ने एक दिवसीय विचारमंथन कार्यशाला आयोजित की; यह एक अभिनव प्रयास है सिर्फ भाषण या बौद्धिक- राजनीतिक चर्चा ही नहीं हुई बल्कि भविष्य के लिए एक स्पष्ट कार्यक्रम और रोडमैप भी तैयार किया गया है , इसके शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगेंगे . संभवत देश में, निश्चित तौर पर राज्य में, इस तरह की यह पहली कार्यशाला है, जहाँ पर शिक्षक- बुद्धिजीवीयों ने सीधे तौर पर, राजनीतिक नेतृत्व को संबोधित किया, उनके सवालों और आकाँक्षाओं पर चर्चा हुई।
आज की इस कार्यशाला में, राज्य के विभिन्न हिस्सों से लगभग 200 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिनमें मुख्यतः2017 और 2019 में चुनाव लड़े नेता, जिलाध्यक्ष और पूर्व जिलाध्यक्ष, युवा कांग्रेस, एन एस यु आई, महिला कांग्रेस सहित अन्य सहयोगी संगठनों के अध्यक्ष और प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया था . कार्यक्रम में निम्नलिखित छह विषयों पर गंभीर चिन्तन हुआ एवं भविष्य के कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई.
1. सामाजिक सद्भभाव : लोकतंत्र एवं संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार
2. जन समस्याओं पर लोगों का ध्यान केन्द्रित
3. समन्वय, तालमेल, संगठन को अनुशासनात्मक एवं एककृत करना
4. संगठन को मजबूत, जीवंत और उत्साहपूर्ण कैसे बनायें
5. Public Out Reach Program- जनसंपर्क
6. Communication: संचार/ संवाद
कार्यशाला के दौरान कांग्रेस नेताओं ने भी अपने विचार उपस्थित जनों के साथ साझा किए पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत विचार की होती है पहले विचार आता है फिर क्रियान्वयन होता है इसलिए जितने भी मसले आज प्रदेश के अंदर हैं उन्हें राजनीतिक हथियार बनाने की जरूरत है और जनता तक उन्हें पहुंचाने की जरूरत है ।
गोदियाल ने कहा राजनीति का मूल मंत्र है अगर आप किसी विचार या नीति से सहमत नहीं है तो विरोध अवश्य दर्ज करें, देश की सत्ता मगरमच्छ के जबड़े में फंस चुकी है स्थिति जितनी भयावह दिख रही है उससे कहीं ज्यादा भयानक है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की गोष्ठी के आयोजन कर्ताओं द्वारा जिन विषयों का चयन किया गया है वह बहुत ही वजनदार और व्यापक है जिन्हें एक दिवसीय गोष्ठी में या कार्यशाला में समेट पाना मुश्किल है। कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए रावत ने कहा कि जो शब्द भाजपा के द्वारा जनता पर थोपे जा रहे हैं चाहे वह डेमोग्राफीकल चेंज की बात हो, चाहे लव जिहाद या लैंड जेहाद इत्यादि उनका काउंटर नैरेटिव तैयार करना होगा। रावत ने कहा कि हमने अपनी सरकारों में उन दूरस्थ लोगों को तक छूने का प्रयास किया जिन तक सरकारे नहीं पहुंच पाती थी। हमारे द्वारा शुरू की गई 18 तरह की सामाजिक पेंशन आज भी देश में एक रिकॉर्ड है ।उन्होंने कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस ने और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा परंतु नतीजे हमारे पक्ष में नहीं रहे परंतु भाजपा के झूठ और प्रपंच के बावजूद उत्तराखंड कांग्रेस अपना 2012 वाला वोट बैंक 2017 तक बचा पाने में सफल रहीये अलग बात है की सत्ता हमसे दूर हो गई। रावत ने कहा कि ओपीएस और अग्निवीर जैसी योजनाओं से हम हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भारी जीत के साथ सत्ता में आए हैं इन्हीं मुद्दों को लेकर हमें जनता के बीच में पेनिट्रेट करना होगा। भारत जुड़ेगा और इंडिया जीतेगा यह नारा हमें घर-घर तक पहुंचाना होगा। प्रवक्ताओं से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा के प्रवक्ता डेटा आधारित चर्चा करेंगे तो सामने वाला निरुत्तर होना स्वाभाविक है। उन्होंने ये भी कहा कि आज देश में जितनी भी जनहित की योजनाएं चल रही है वह कांग्रेस की देन है। भोजन का अधिकार कांग्रेस सरकारों की शुरुआत है । आज एक तरफ जहां भाजपा के नेताओं/ कार्यकर्ताओं के द्वारा मुफ्त राशन बाटे जाने की डुगडुगी जा रही है पर यह कोई नहीं देख रहा कि महंगाई आज आसमान पर पहुंच गई है । रावत ने ये भी कहा कि यूपीए की दस साल की सरकार में विकास दर 8% के इर्द गिर्द रही पर वही ऐनडीऐ के 9 साल के शासन में विकास दर 5:30 से ऊपर जा ही नहीं पा रही है । रावत ने कहा की असलियत तो यह है की फाइव ट्रिलियन इकोनॉमी की बुनियाद यूपीए ने रखी है। स्वर्गीय तिवारी के टाइम पर प्रदेश नया था । न्यायपालिका विधायिका कार्यपालिका सब कांग्रेस ने ही स्थापित की। केदारनाथ आपदा जोशीमठ आपदा से कई गुना ज्यादा बड़ी थी, 80% राज्य जख्मी हो गया था परंतु उसको भी हमने रिकॉर्ड टाइम पर ठीक किया और आज जिसमें मोदी जी ध्यान कर रहे हैं वह गुफा भी हमारी ही बनाई हुई है। कार्यशाला के आखिरी वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन म्हारा ने कहा कि बुद्धिजीवी समाज यदि मुखर होता है तो उसका देश पर सकारात्मक प्रभाव होता है परंतु यही समाज यदि चुप्पी साध ली तो उस समाज का पतन होना निश्चित है। महारा ने कहा कि खड़गे 1969 में ब्लॉक अध्यक्ष बन गए थे और आज राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं ऐसा कांग्रेस में ही संभव है। म्हारा ने यह भी कहा की सशक्त अपोजिशन ही लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि 2002 में हमने देखा कितनी विपरीत परिस्थितियों में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस सत्ता में आई थी, स्वर्गीय एनडी तिवारी के मुख्यमंत्रित्व काल में कांग्रेस ने इतने कीर्तिमान प्रदेश में स्थापित किए और यही सब बातें हमें जनता तक पहुंचाने है। माहरा ने कहा कि आज लड़ाई उस भाजपा से है जो धरातल पर शून्य है न विकास है न महिला सुरक्षा ना कानून व्यवस्था ना किसानों और जवानों का भविष्य । सैकड़ों आईटीआई पॉलिटेक्निक सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं उसके बावजूद भाजपा जनता को धर्म कि अफीम चटा कर वोट बैंक बढ़ाना चाहती है।
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