उत्तराखंड कांग्रेस की लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट कब आएगी इसके लिए इंतजार और बढ़ गया है। कांग्रेस की सीईसी यानी सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक आज दिल्ली में होनी है लेकिन इसमें उत्तराखंड के उम्मीदवारों के नाम को लेकर चर्चा नहीं की जाएगी। कल यानी की 6 मार्च को देहरादून से कांग्रेस के नेता दिल्ली पहुंचे थे यहां स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी हुई तकरीबन ढाई घंटे तक मंथन चलता रहा। इस दौरान दावेदारों के नाम शॉर्टलिस्ट किए गए।
कांग्रेस के मुताबिक अब पैनल में सिर्फ 16 नाम रह गए हैं यानी हर सीट पर दो से तीन नाम तक ही अब सीमित हैं। अब इन्हीं 16 नाम में से एक-एक उम्मीदवार 5 सीटों पर घोषित किया जाएगा।
सीनियर अभी साइडलाइन नहीं
सबसे खास बात यह है कि इस लिस्ट में अभी भी उन नेताओं के नाम बरकरार हैं जो लोग चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर बार-बार कर चुके हैं। चाहे यशपाल आर्य हों चाहे प्रीतम सिंह हों चाहे गणेश गोदयाल हों इन तीनों ही नेताओं के नाम पैनल में अभी बने हुए हैं । अब सवाल यही है कि आलाकमान या सीईसी किसके नाम पर मोहर लगती है। अब 16 नाम में से पांच नाम छांटने हैं आने वाले दिनों में सीईसी की जब बैठक होगी अगली तब संभव है कि उत्तराखंड के नाम पर उसमें चर्चा हो । उम्मीद की जा रही है कि 10 मार्च के बाद ही अब उत्तराखंड को लेकर सीईसी की बैठक होगी और उसके बाद नाम का ऐलान कब होगा वो भी तारीख अभी साफ नहीं है। लेकिन कल की बैठक में इतना जरूर हुआ कि बड़े नेताओं के नाम पर फिर से गंभीरता के साथ मंथन हुआ है और बड़े नेताओं को चुनाव के मैदान में उतर जाए इसी रणनीति पर मंथन हुआ। स्क्रीनिंग कमेटी में इसको लेकर गंभीरता के साथ चर्चा भी हुई। सूत्रों का दावा है कि प्रभारी कुमारी शैलजा ने खुद इस बात पर जोर दिया कि अगर सीनियर लीडर नहीं उतरेंगे तो
कार्यकर्ताओं के बीच मैसेज अच्छा नहीं जाएगा क्योंकि ये संकट का वक्त है, कांग्रेस को संघर्ष के साथ लड़ना भी है और जीतना भी है। इसीलिए जिन लोगों को पार्टी ने बहुत कुछ दिया है उन लोगों को अब पार्टी के लिए कुछ करने का वक्त है तो वो इस संघर्ष के वक्त में डटकर मुकाबला करें, सामने आकर खड़े हों और चुनाव के मैदान में उतरें ताकि बीजेपी को न सिर्फ टक्कर दी जा सके बल्कि बीजेपी को हराया जा सके। पांचों सीटों पर अगर पैनल का जिक्र करते हैं तो अलग-अलग पहलू हैं प्रदीप टम्टा और यशपाल आर्य का नाम अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर है। इसके अलावा प्रकाश जोशी, रंणजीत रावत और भुवन कापड़ी नैनीताल लोकसभा सीट पर अभी दावेदार के तौर पर बने हुए हैं। हरीश रावत, करन माहरा और वीरेंद्र रावत तीन नाम ऐसे हैं जो हरिद्वार सीट पर कांग्रेस के पैनल में है, अब इन तीनों में से किसे टिकट मिलेगा इसको लेकर चर्चाएं तेज हैं। प्रीतम सिंह का नाम टिहरी लोकसभा सीट से है और टिहरी लोकसभा सीट में कुछ और दावेदार ऐसे भी हैं जो प्रीतम सिंह के साथ पैनल में बने हुए हैं। जबकि पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से मनीष खंडूरी और गणेश गोलियाल दो नाम बने हुए हैं। 16 नाम के इस पैनल में से किसे आला कमान कहेगा कि आप मैदान में उतारिए चुनाव लड़िए अब उसका इंतजार है।
कांग्रेस नेताओं को किस बात का डर?
फिलहाल कांग्रेस के भीतर रणनीति यही बन रही है कि किसी भी तरह से मजबूत लीडर या जो सीनियर नेता हैं जो बड़े नेता हैं जो पुराने कांग्रेसी हैं वो मैदान में उतरे और को बीजेपी को हराने की जो हिम्मत रखते हो बीजेपी से जो मुकाबला कर सकते हों उनको टिकट दिया जाए । अब टिकट को लेकर आनाकानी क्यों कर रहे हैं नेता इसे लेकर भी सवाल हैं आखिर किस चीज का डर है, हार का डर है या फिर कोई और डर है इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कांग्रेस खेमे में खलबली इस बात को लेकर भी है कि जिस तरीके से देश भर में माहौल है और उसी माहौल के बीच उत्तराखंड में क्या होगा क्या नहीं होगा 2014 के नतीजे 2019 के नतीजे 2017 के विधानसभा के नतीजे और 2022 विधानसभा के नतीजे तो कांग्रेस नेताओं में किस बात की घबराहट है उसे लेकर भी सवाल बने हुए हैं। अब देखना ये है कि उत्तराखंड कांग्रेस की टॉप लीडरशिप जो सीनियर नेता हैं क्या वो चुनाव के मैदान में उतरते हैं या नहीं? इतना जरूर है कि यह लड़ाई अभी बहुत आसान नहीं है और टिकट बंटवारे की लड़ाई भी उलझन भरी है अब किसे टिकट मिलेगा किस नहीं मिलेगा इस पर चर्चाओं का दौर लगातार जारी है फिलहाल इंतजार 10 मार्च और उसके बाद का ही करना है तभी उत्तराखंड से जुड़ी सीसी की बैठक होगी और माना जा रहा है कि उसके बाद उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होगा।
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