कांग्रेस ने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी कर दी है। जिसमें 57 नाम घोषित किए गए हैं। लेकिन हैरानी इस बात की है कि उत्तराखंड की दो सीटों पर कैंडिडेट नहीं दिए गए। जबकि उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। 20 मार्च से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 27 मार्च को नामांकन की आखिरी तारीख है। इसके बाद भी उत्तराखंड के हरिद्वार और नैनीताल सीट पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया गया है।
बड़ा सवाल है कि आखिर कांग्रेस नेतृत्व के मन में क्या है? आखिर इतनी देरी क्यों की जा रही है? सवाल ये भी है कि क्या हरिद्वार और नैनीताल में पहले ही कांग्रेस सरेंडर कर चुकी है? उम्मीदवारों का ऐलान करने में जितनी देरी की जा रही है कार्यकर्ताओं की मनोबल भी उतना ही गिर रहा है। सवाल ये भी है कि अब उम्मीदवार आ भी गए तो क्या कार्यकर्ता पूरी ताकत से प्रचार में जुट पाएंगे? क्या कांग्रेस के पास इतना वक्त रहेगा कि वो उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरी मेहनत कर पाएगी? क्या खुद उम्मीदवार के पास इतना वक्त होगा कि वो हर जगह और ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंच पाए।
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