पू्र्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आज हरिद्वार में खरी खोटी सुननी पड़ी। हरीश रावत को कुछ महिलाओं ने खूब सुनाया और शिकायत की। हरीश रावत उनकी बात सुनते रहे और कुछ नहीं बोल पाए। समस्या भी जायज थी और शिकायत भी जायज थी ऐसे में हरीश रावत के लिए कुछ भी बोल पाना मुमकिन नहीं था। हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री हैं, हरिद्वार से सांसद और केंद्र में मंत्री भी रहे हैं। ऐसे में बड़ा दिलचस्प है कि उन्हें किसने और क्या सुना दिया।
हरीश रावत ने ख़ुद दी जानकारी
हरिद्वार में पड़ी डांट की जानकारी खुद हरीश रावत ने शेयर की है। हरदा ने लिखा है #आजादी की पूर्व संध्या पर कुछ भी जो अटपटा लगे वो कहने को मन नहीं करता है, मगर मुंबई से आए हुए वरिष्ट नागरिकों जिनमे महिलाएं अधिक संख्या में थी उन्होंने रसोई ढाबा हरिद्वार के सामने जब मैं अपनी गाड़ी में बैठ रहा था तो मुझको सड़क को लेकर जो लताड़ लगाई वो मुझे पहचान गई, मेरे पास आए मुझसे कहने लगे हम आपको बराबर देखते है, सुनते है अच्छा लगता है लेकिन आपके हरिद्वार में #ट्रैफिक जाम और जिस तरीके की ये सड़के है इन सड़कों ने हमारी कमर और उत्साह दोनो को तोड़ कर रख दिया है। उन्होंने ये भी कहा कोई निर्मलांस धाम है, हमने उसमे बुकिंग करवाई थी और यहां आने पर उन्होंने हमको कह दिया की हमारे यहां आपकी बुकिंग है ही नहीं, हम ठगे भी गए। खैर मैंने उनको कहा है की एसएसपी हरिद्वार को आप लिखकर के दे दे, मगर सड़क की कंप्लेंट उनकी जायज है। फ्लाईओवर बन रहा है लेकिन उसके साइड मार्ग जिनमे ट्रैफिक जा रहा है उसको मेंटेन करना किसकी जिम्मेदारी है ? क्या वो कॉन्ट्रैक्टर की जिम्मेदारी नहीं है! प्रशासन को चाहिए की इस फ्लाईओवर के कॉन्ट्रैक्टर को इसका दायित्व समझने के लिए बाध्य किया जाए और सड़क को सुचारू करे।
सीएम और सतपाल महाराज पर तंज
महिलाओं ने भले ही हरीश रावत को सुनाया हो मगर पूर्व सीएम ने पूरे मामले पर सरकार को घेरा है। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज को सुनाया है। हरीश रावत ने सड़क की बेहाली के लिए सरकार और विभागीय मंत्री को कसूरवार बताते हुए सड़कों की हालत सुधारने की नसीहत दी है।
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