बागेश्वर उपचुनाव के लिए कल कांग्रेस उम्मीदवार बसंत कुमार नामांकन करेंगे। कांग्रेस इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा बागेश्वर में ही कैंप कर रहे हैं। करन माहरा का दावा है कि जनता बीजेपी और उसकी सरकार की नीतियों से परेशान है लिहाजा इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत तय है। इसके साथ ही 17 साल तक विधायक रहते हुए चंदनराम दास ने क्या किया इसे भी कांग्रेस बड़ा मुद्दा बना रही है। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, अग्निवीर, अंकिता भंडारी हत्याकांड समेत कई और मुद्दे भी कांग्रेस उठा रही है जिनके जरिये बीजेपी को घेरा जा सके। कांग्रेस की रणनीति बीजेपी को 2024 से पहले हर मोर्चे पर घेरने की है।
हरीश रावत ने टेंशन बढ़ा दी!
उपचुनाव के लिए उम्मीदवार का ऐलान करने में हरीश रावत से राय ली गई या नहीं ये तो साफ नहीं। मगर हरदा के रुख से ऐसा लगता है कि शायद उनके में कुछ टीस हैहै, कुछ सवाल हैं, कुछ मलाल है और कुछ नार भी है। इसीलिए उन्होंने शब्दों की बाजीगरी से अपनी ही पार्टी के नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। हरीश रावत ने क्षैतिज ऐसा पोस्ट किया है जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
हरीश ने लिखा है “भगवान बागनाथ की जय, भगवान वैद्यनाथ की जय हो, मां भ्रामरी की जय हो!! #बागेश्वर विधानसभा का उपचुनाव राज्य की राजनीति के लिए नई दिशा का बोधक बने यह मेरी भगवान बागनाथ से कामना है। मैं, कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। शक्ति, क्षमता और आवश्यकता के ह्रास के कारण जो मैंने धीरे-धीरे अब कुमाऊं की राजनीति से अपने को समेट लिया है, फिर भी इस चुनाव के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए कांग्रेसजन, मेरी सेवा आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रचार करने के लिए उपलब्ध है “!
हरीश रावत ने क्या संकेत दिया?
हरीश रावत के इस बयान को राजनीतिक लिहाज से काफी अहम माना जा सकता है एक तरफ तो वो ये संकेत दे रहे हैं कि कुमाऊं की राजनीति से वो अपने हाथ समेट रहे हैं दूसरी ओर उन्होंने प्रचार के लिए मौजूद रहने की बात भी कही है। कुल मिलाकर कर रावत ने अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी है और बता दिया है कि वो अब खुद से कोई कदम आगे नहीं बढ़ाएंगे अगर नेतृत्व को लगता है कि उनको हरीश रावत की जरूरत है तो पहले बात करनी होगी उसके बाद ही वो किसी कार्यक्रम या चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। इससे पहले भी उन्होंने एक पोस्ट की थी जिसमें पार्टी नेताओं को आगे बढ़ने के लिए कहा था। हरीश रावत ने लिखा था “कांग्रेस पार्टी का राजनीतिक इतिहास में #बागेश्वर का अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व है। हमारे हर चुनौती पूर्ण दौर में बागेश्वर, #कांग्रेस के साथ खड़ा रहा है। यह दौर भी कांग्रेस के लिए चुनौती पूर्ण है। हमको एक जीत के साथ 2024 में बड़ी जीत की बुनियाद डालनी है। मैं, अपनी पार्टी के चतुर्भुज नेतृत्व से आग्रह करूंगा कि वो कमान संभालें और बीच में मैं भी शब्दों की जागर के साथ उनका उत्साहवर्धन करता रहूंगा”।
More Stories
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया
LUCC पीड़ित महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल ने ज्योति रौतेला के रौतेला के नेतृत्व में सीएम धामी से की मुलाकात, न्याय दिलाने की मांग
ऋषिकेश में आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंचे जयेंद्र रमोला, प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग