पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर उपवास की चेतावनी दी है। हरीश रावत ने कुछ ऐसे मुद्दे उठाए हैं जो सीधे जनता से जुड़े हैं। हरीश रावत ने सरकार और सरकारी मशीनरी पर निशाना साधा है। हरीश रावत ने कहा है संघर्ष, शायद मेरे जीवन की नियति ही संघर्ष है। अभी दुर्धर्ष चुनाव की थकान भी पूरी तरीके से नहीं उतरी है, पांव में जबरदस्त इंफेक्शन भी है, मगर कुछ मुद्दे संघर्ष के लिए मेरा आवाह्न कर रहे हैं।
हर घर नल, नल में पानी आया या नहीं आया, मगर गांव की पक्की सड़कें, रास्ते खोद डाले गये हैं। इस समय गर्मी में हर घर के अंदर बुरी तरीके से धूल घुस रही है और जैसे ही बरसात आएगी सारे गांव की सड़कें हरिद्वार में कीचड़मय हो जाएंगी। मैंने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है कि मैं संबंधित विभाग की लापरवाही के खिलाफ गांधी पार्क देहरादून में उपवास कर सकूं, अनुमति मिली तो उपवास करूंगा। बिजली और सिंचाई विभाग भी मेरे संघर्ष के लक्ष्य हैं। ट्यूबवेल खराब पड़े हैं उन्हें ठीक नहीं किया जा रहा है, बिजली कटौती अलग किसान को रुला रही है, नहरों में पानी नहीं है, धनौरी क्षेत्र के कुछ किसान मुझे मिले थे, वो बहुत परेशान थे। मैं जिलाधिकारी तक उनकी व्यथा को पहुंचा रहा हूं, नहीं तो संघर्ष के यह दो मुद्दे भी मेरा आवाह्न कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि शासन में बैठे हुए लोग इन जन व्यथाओं का संज्ञान लेंगे।
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