22 December 2024

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

उत्तराखंड में जनजाति का दर्जा देने की मांग

उत्तराखंड में जनजाति का दर्जा देने की मांग

गढ़वाली और कुमाऊंनी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने देहरादून में आज एक बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों से वार्ता करने के लिए धरना स्थल पर आए मजिस्ट्रेट के हाथों रीजनल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी प्रेषित किया।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल का कहना है कि जिस तरह से मूल निवास और भू कानून खत्म किया जा रहा है, उससे एक दिन गढवाली और कुमाऊनी समुदाय जल्दी ही पहाड़ से गायब हो जाएंगे। आज उत्तराखंडियों में अपनी पहचान का संकट गहराता जा रहा है।

सरकार को दिए कई तर्क

प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र पंत ने मांग की कि इतिहास में दर्ज तथ्यों के अनुसार एक समय में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के 90% जनसंख्या खास जनजाति की थी तो फिर आजादी के बाद वह गायब कैसे हो गई ! सरकार को चाहिए कि इस जनजाति के अंदर आने वाली सभी जातियों का चिन्हीकरण करके उनको जनजाति का दर्जा दिया जाए।राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय डोभाल ने सवाल किया कि यूसीसी कानून के मुताबिक एक वर्ष पहले भी उत्तराखंड आने वाला व्यक्ति यहां का स्थाई निवासी का दर्जा प्राप्त कर लेगा तो फिर उत्तराखंड के मूल निवासियों की पहचान खत्म ही हो जाएगी।

See also  38 वें राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया गया योग

संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल ने मांग की कि जिस तरह से जौनसार में मूल निवास 1950 लागू है और बाहरी व्यक्ति वहां की जमीन नहीं खरीद सकता, उसी तरह से गढवाली और कुमाऊंनी समुदाय को जनजाति का दर्जा मिलने से मूल निवास और भू कानून का संरक्षण स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा।

जल जंगल और जमीन बचाना जरूरी

रीजनल महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष शैलबाला ममंगाई ने कहा कि बाकी राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों मे खस जनजाति की पहचान गढवाली और कुमाऊनी समुदाय के रीति रिवाज, धार्मिक परंपराएं ,खास जनजाति के अनुसार हैं, इसलिए सरकार से हमारा निवेदन है कि खस जनजाति के अंतर्गत आने वाली सभी जातियों का चिन्हीकरण करके इन सभी जातियों को जनजाति का दर्जा दिया जाए। पार्टी का मानना है कि इसी माध्यम से उत्तराखंड की जल, जंगल और जमीन का संरक्षण हो पाएगा तथा सही मायने में मूल निवास और भू कानून लागू हो पाएंगे और उत्तराखंड की सामाजिक धार्मिक तथा आर्थिक संकट को दूर किया जा सकेगा। इस अवसर पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र पंत, उपाध्यक्ष संजय डोभाल , प्रदेश संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल, रीजनल महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष शैलबाला ममंगाई, पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बीपी नौटियाल, प्रचार सचिव विनोद कोठियाल, सुमित थपलियाल, संजय तितोरिया प्रवीण सिंह मंजू रावत पंकज उनियाल प्रांजल नौटियाल, राजेंद्र गुसाई, सुरेंद्र सिंह चौहान, शिव सिंह भैराटी, जेपी भट्ट , शशि बाला, महेश, कलम सिंह रावत आदि पदाधिकारी और तमाम कार्यकर्ता शामिल थे।