उत्तराखंड बीजेपी की अंदरूनी राजनीति पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सनसनीखेज दावा किया है। हरीश रावत ने दबाव की राजनीति की बात कही और नाम लिए बिना कांग्रेस के बागियों पर तंज कस दिया। हरदा ने दावा किया कि बीजेपी में कुछ ऐसी खिचड़ी पक रही है जो सरकार के लिहाज से शुभ संकेत नहीं है। हरीश रावत ने कहा कि दिल्ली में बहुत सारी चर्चाएं हो रही हैं, जिसमें कुछ लोग दबाव बनाने वाले हैं तो कुछ बड़ी बड़ी तमन्ना रखने वाले हैं। हरीश रावत ने नाम किसी का नहीं लिया लेकिन इशारों ही इशारों में बता दिया कि बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा और कभी भी कुछ भी हो सकता है। हरीश रावत ने मौजूदा हालात को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा है।
दिल्ली दौरे पर क्या पता चला?
हरीश रावत ने लिखा है “बहुत दिनों बाद दिल्ली आया तो सेंट्रल हॉल में अपने पुराने दोस्तों को खोजने चला गया, पत्रकार भी मिल जाते हैं और राजनीतिक कलाकार भी मिल जाते हैं, तो काफी और टोस्ट का आनंद लेते मुझे बड़ी चौकाने वाली बात सुनाई दी। बोले भई तुम्हारे सांसदगण तो यहां बड़ा दबाव डाल रहे हैं और यह एक खग्गाड़ पुराने भाजपाई से सुनकर के मैं बड़ा चौंका। खैर आगे मैंने और कुरेदने की कोशिश की तो उन्होंने इधर-उधर बातें बहला दी। मैंने सोचा शायद इससे ज्यादा नहीं कहना चाहते, मैं इत्तेफाक से जो है प्रेस क्लब भी चला गया वहां बहुत सारे लोग मिले, कुछ हमारे पहाड़ी पत्रकार बंधु भी मिले जो आजकल भाजपा के गुणगान में लगे हुए हैं तो उनसे कुरेदते-कुरेदते पता चला कि कुछ #उज्याडू़_बल्द अब यहां तक भाजपा में जम और रम गए हैं कि वह बड़ी तमन्नाएं रखने लग गए हैं तो मुझे दोनों जगह सूंघने पर लगा कि कुछ न कुछ है, अब क्या है भगवान जाने? और यूं भी नीचे परिवर्तन करते रहो और ऊपर जमे रहो, यह भाजपा का राजनीतिक मंत्र है।”
हरदा के दावे के क्या मायने ?
हरीश रावत ने जो बातें कहीं हैं उनमें पहला संकेत तो यही है कि बीजेपी में हलचल है। अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं है। हरदा की बातों से ये भी साफ हो रहा है कि उत्तराखंड बीजेपी के सांसद दिल्ली में आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या सीएम धामी की कुर्सी खतरे में है? सवाल ये भी है कि आखिर दबाव बनाने वालों में क्या सभी सांसद शामिल हैं? हरीश रावत ने उज्याड़ू बल्द यानी कांग्रेस के बागियों का जिक्र किया है सवाल है कि ऐसे कौन से बागी हैं जिनकी बीजेपी में इतनी पकड़ हो चुकी है कि वो बड़ी तमन्ना यानी सीएम बनने की हसरत पालने लगे हैं? बहरहाल हरीश रावत ने बहुत कुछ संकेत दिये हैं अब आगे क्या होगा इसे लेकर दिलचस्पी बढ़ गई है।
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