उत्तराखंड कांग्रेस में मची खलबली के बीच हरीश रावत ने भी तड़का लगा दिया है। पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी चौराहे पर लाने वाले विधायक हरीश धामी के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुलकर उतर आए हैं। हरीश रावत ने विधानसभा सत्र के दौरान आपदा के मुद्दे पर तीखे तेवर दिखा चुके धारचूला के विधायक हरीश धामी को शाबाशी भी दी है। हरीश रावत ने आपदा के मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा ना कराए जाने पर नाराजगी भी जताई है।
हरीश रावत ने कही दिलचस्प बात
पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा विधानसभा और विधानसभा सत्र दोनों ने मुझे निराश किया है। छोटा सत्र, मगर राज्य में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, अनाचार, दुराचार पर एक पृथक चर्चा भी नहीं हो सकी? राज्य का संकल्प महिला सम्मान का दोहराया न जा सका और जो विधानसभा दैवीय आपदा की स्थिति पर विहंगम विवेचन न कर सके, जिस विधानसभा में धारचूला, बद्रीनाथ, पिण्डर, केदारनाथ, कपकोट आदि क्षेत्रों में आई भीषण आपदा पर चर्चा न हो सके, वहां के विधायक बोल न सकें, वह किसी की भी विधानसभा हो सकती है, लेकिन वह मेरे उत्तराखंड और मेरे सपनों की विधानसभा नहीं हो सकती है। मैं, हरीश धामी व कांग्रेस के विधायकों को बधाई देता हूं कि उन्होंने बलपूर्वक चर्चा आमंत्रित की, मगर चर्चा के नाम से घबराए हुए लोगों ने चर्चा को आगे नहीं बढ़ने दिया। कितनी बड़ी विडंबना है कि राज्य के अन्दर जमींदारी उन्मूलन विधानसभा के अंदर दंगाइयों पर दंड देने और भू-कानून जैसे प्रश्नों पर विधेयक बिना चर्चा के पास हो जाते हैं! वास्तव में मैं एक विधायी कार्यों से जुड़े हुए व्यक्ति के नाते और उत्तराखंडी के नाते भी बहुत निराश हूं।
मुझे इस बात का गर्व है कि हमारे पास हरीश धामी जैसे संघर्षशील विधायक भी हैं जिन्होंने आपदा पीड़ितों की आवाज को विधानसभा में और विधानसभा के बाहर, दोनों जगह प्रभावशाली तरीके से उठाया है। हरीश रावत ने हरीश धामी की विधायक ऐसे वक्त में की है जबकि कल ही धामी ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के खिलाफ मोर्चा खोला है। धामी ने साफ आरोप लगाया कि उन्हें आपदा के मुद्दे पर बोलने का वक्त नहीं दिया गया। हरीश धामी ने राष्ट्रीय नेतृत्व से भी इसकी शिकायत की है। हरीश धामी ने कांग्रेस पर मित्र विपक्ष की भूमिका निभाने और मुद्दे सही तरीके से न उठाने का भी आरोप लगाया। साथ ही पहाड़ की अनदेखी करने वाले नेताओं पर कार्रवाई न होने की सूरत में कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी भी हरीश धामी दे चुके हैं। ऐसे में हरीश रावत की ओर से उनकी तारीफ करने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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