एनएचआईडीसीएल द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गकह 20 भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों और 11 भू-धसाव स्थलों का ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के साथ ठेकदारों को आवार्ड भी कर दिया गया है। इस वर्ष यात्रा सीजन समाप्त होने के बाद इसमें रात-दिन तेजी से काम किया जाएगा और आगामी यात्रा सीजन से पहले ट्रीटमेंट कार्यो को पूरा कर दिया जाएगा। एनएचआईडीसीएल के कार्यो की समीक्षा के दौरान प्रोजेक्ट मैनेजर अंकित सोलंकी ने ये बात कही।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने सोमवार को एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों की बैठक लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन कार्यों, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों, डम्पिंग स्थलों एवं अन्य लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि आबिट्रेशन में लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण कराते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुधारीकरण कार्यो को तेजी लाए और आगामी यात्रा सीजन से पहले ट्रीटमेंट कार्यो को पूरा करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि इसमें कहीं पर भी समस्या हो तो तत्काल संज्ञान में लाया जाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने कमेडा, नंदप्रयाग, मैठाणा, छिनका, विरही, भनेरपानी, टंगणी, पागलनाला आदि स्थानों पर प्रस्तावित ट्रीटमेंट कार्यो की विस्तृत समीक्षा की। टंगणी में पीएमजीएसवाई के डंपिंग जोन का मलबा आने से बार-बार राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने की समस्या पर जिलाधिकारी ने तहसीलदार को मौके पर निरीक्षण करते हुए प्रोटेक्शन वॉल निर्माण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ताकि बरसात में यात्रा प्रभावित न हो। एनएचआईडीसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग सुधारीकरण के लिए भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों और भू धसाव स्थलों पर सुधारीकरण एवं ट्रीटमेंट का काम शुरू कर दिया गया है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, एसडीएम संतोष कुमार पांडेय, एसडीएम आरके पांडेय, तहसीलदार अर्जुन सिंह बिष्ट, एनएचआईडीसीएल के मैनेजर अंकित सोलंकी एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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