8 July 2025

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

बीजेपी ने जयंती पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को किया नमन

बीजेपी ने जयंती पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को किया नमन

बीजेपी ने अपने संस्थापक, प्रेरणास्रोत और वैचारिक अधिष्ठान स्वर्गीय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म जयंती पर श्रद्धांजलि दी है। प्रदेश में आयोजित विचार गोष्ठियों के क्रम में प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा, उनकी एक देश एक पहचान की बलिदानी नीति पर चलकर ही आज कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण हो रहा है।

प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि जनसंघ के संस्थापक, महान राष्ट्र नायक और भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक एवं सैद्धांतिक प्रेरणा स्रोत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती आज प्रदेशभर में मनाई गई। इस अवसर पर मंडल स्तर पर पार्टी द्वारा गोष्ठियों का आयोजन किया गया जिसमें उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया गया। जिसमें उन्हें पुष्पांजलि देते हुए, उनके बताए रास्ते पर राष्ट्र निर्माण का संकल्प दोहराया गया।

इसी क्रम में मुख्य कार्यकम के रूप में एक विचार गोष्ठी का आयोजन, राजधानी के बलबीर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में किया गया। जिसने अपने संबोधन में प्रदेशाध्यक्ष भट्ट ने कहा, डाक्टर मुखर्जी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के वो पुरोधा थे, जिन्होंने देश विभाजन की नीयत को सबसे पहले पहचाना और उसका पुरजोर विरोध किया। आज बंगाल, आसाम और पूर्वोत्तर भारत का बड़ा हिस्सा देश का हिस्सा है तो उसमें उनका योगदान अतुलनीय रहा है। वहां रहने वाले तत्कालीन अल्पसंख्यक, संख्या के आधार पर पाकिस्तान के साथ जाने पर अड़े थे लेकिन स्वर्गीय मुखर्जी ने भारतीय संस्कृति को राष्ट्रवाद की परिकल्पना से जोड़ते हुए वहां की जनता को एक राष्ट्र के पक्ष में एकजुट किया। इसी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सिद्धांत को पहले जनसंघ, फिर भाजपा ने अपनाया और अब इसी मूलमंत्र कर शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है।

See also  केंद्रीय कृषि विभाग से उत्तराखंड को मिलेंगे 3800 करोड़ रुपये सीएम धामी ने जताया कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार

उन्होंने कश्मीर को लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्राणोत्सर्ग को याद करते हुए कहा, वे देश के किसी भी नए विभाजन के लिए किसी कीमत पर तैयार नहीं थे। जब तत्कालीन नेहरू सरकार की दूरदर्शिता के कारण कश्मीर के लिए अलग पीएम, झंडा और संविधान को स्वीकारा गया। तब वहां जाने के लिए वीजा परमिट के तत्कालीन कानून का उन्होंने उल्लंघन किया और अपने प्राणों का बलिदान देकर देश विभाजन वाले इस काले कानून को समाप्त करवाया। उनकी इसी नीति पर आगे बढ़ते हुए पीएम मोदी की सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर वहां अमन चैन की वापसी की है। आज राष्ट्रवाद की जिस विचारधारा के संरक्षण में विकसित भारत का निर्माण हो रहा है वह डॉक्टर मुखर्जी की ही देन है।

See also  उत्तराखंड में कर्मचारी महासंघ का आंदोलन जारी

वही इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीयता के उनके भाव को आत्मसार करते हुए हम सबको, राष्ट्र और समाज निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करना है। डॉ मुख़र्जी का देश की एकता के लिए दिया गया बलिदान अद्वितीय है, जो सदैव भाजपा कार्यकर्ताओं और देश समाज को प्रेरणा देने का कार्य करता रहेगा। आज की परिस्थितियों में बेशक बलिदान देने का समय नहीं है लेकिन डॉक्टर मुखर्जी के विचारों के साथ भारत के मान सम्मान की रक्षा करते हुए उसका गौरव बढ़ाने का काम हम सबको करना है। डॉ मुख़र्जी और डॉक्टर दीनदयाल उपाध्याय ने जो विचार और रास्ता दिखाया उस पर चलकर ही इन 50 वर्षों में हमने भारत का निर्माण किया है। अब हम सबको उनके बताए सिद्धांतों पर अमल करते हुए आने वाले 50 वर्षों के लिए लक्ष्य तय कर आगे बढ़ना है।

See also  सीएम धामी ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में की जंगल सफारी

राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल ने कहा, डॉक्टर मुखर्जी की रहस्मयी परिस्थितियों में हुई हुई मौत ने देश में राष्ट्रवादी विचारधारा को संजीवनी देने का काम किया है। दशकों तक लगाए नारे कि “जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है, जो कश्मीर हमारा है वो सारे का सारा है।” ने कश्मीर को लेकर देश की मानसिकता को बदला और आज 370, 35A हटने के बाद वो देश का सही अर्थों में अभिन्न अंग बना है। इसमें POK के रूप में अभी थोड़ी सी कमी शेष है जिसे शीघ्र पीएम मोदी के नेतृत्व में देश पूरा करके दिखाएगा। उन्होंने कहा, आज देश की किसी भी नीति या योजना को विचारों की कसौटी पर कसे तो वह डॉ मुख़र्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों कर खरा उतरेंगे।

विचार गोष्ठी में सरकार में दायित्वधारी ज्योति प्रसाद गैरोला ने कहा, आजादी की बाद देश की एकता के लिए पहला बलिदान डा. मुखर्जी का रहा है।