मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज सचिवालय में आपदा प्रबन्धन विभाग एवं विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड डिजास्टर प्रिपेयर्डनेस एंड रेजिलिएंट प्रोजेक्ट (यू-प्रिपेयर) के सम्बन्ध में बैठक ली।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रेषित किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों जैसे पीएमयू को 31 अक्टूबर, 2025 तक ड्राफ्ट सीईआरसी संचालन मैनुअल और ड्राफ्ट आपातकालीन कार्य योजना तैयार करनी है, को प्रस्तावित समय-सीमा के अंतर्गत पूर्ण कर लिया जाए।
बैठक के दौरान वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू), परियोजना कार्यान्वयन इकाईयों (पीआईयू), और क्षेत्रीय परियोजना कार्यान्वयन इकाइयों (एफपीआईयू) की स्थापना कर दी गई है, जिसमें कुछ पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं और भर्ती प्रक्रिया सक्रिय रूप से चल रही है। 29 पुलों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जिसमें उल्लेखनीय भौतिक और वित्तीय प्रगति देखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि वेब-आधारित प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) शुरू की गई है, और मोबाइल ऐप सुरक्षा ऑडिट के बाद शीघ्र ही लॉन्च किया जाएगा। इसके साथ ही, परियोजना से प्रभावित परिवारों को भूमि मुआवजा प्रदान किया गया है, और शिकायत निवारण तंत्र पूरी तरह कार्यात्मक है।

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