9 November 2025

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उत्तराखंड में पीडीएनए प्रक्रिया के तहत सर्वेक्षण

उत्तराखंड में पीडीएनए प्रक्रिया के तहत सर्वेक्षण

इस वर्ष मानसून के दौरान उत्तराखंड में आई आपदाओं से हुई वास्तविक क्षति के आकलन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रारंभ की गई पोस्ट डिज़ास्टर नीड्स असेसमेंट (PDNA) प्रक्रिया के तहत गठित पहली सर्वेक्षण टीम देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी जनपदों का भ्रमण एवं सर्वेक्षण कर शनिवार को देहरादून लौट आई है। टीम ने शनिवार शाम को उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में किए गए सर्वे और क्षति के आकलन के बारे में जानकारी दी।

इस बैठक में टीम द्वारा तीनों जनपदों में किए गए सर्वे कार्य का विस्तृत प्रस्तुतिकरण (प्रेज़ेंटेशन) दिया गया, जिसमें सार्वजनिक परिसंपत्तियों को हुई क्षति, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आजीविका से जुड़े क्षेत्रों में हुई क्षति का प्रारंभिक आंकलन साझा किया गया। संबंधित जिलों के जिलाधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े।

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सचिव सुमन ने बताया कि इस वर्ष राज्य में मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा के कारण राज्य को भारी क्षति हुई है। PDNA सर्वेक्षण का उद्देश्य इसी क्षति का वास्तविक आकलन करना है। उन्होंने कहा कि PDNA रिपोर्ट तैयार होने के पश्चात भारत सरकार को विशेष राहत पैकेज हेतु प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिससे राज्य को आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि पहली टीम तीन जनपदों में हुई क्षति का आकलन कर देहरादून लौट आई है। आज टीम ने अपने आकलन के संबंध में प्रारंभिक जानकारी दी है। सभी जनपदों में pdna की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरे प्रदेश की एक समग्र रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश भर में चल रहे pdna को लेकर नियमित तौर पर अपडेट ले रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि PDNA टीम रविवार को हरिद्वार जनपद में सर्वेक्षण कार्य करेगी। इसके अतिरिक्त जनपदों में भी PDNA की प्रक्रिया जारी है। PDNA सर्वेक्षण के अंतर्गत प्रमुख रूप से आवासीय क्षति, सार्वजनिक अवसंरचना (जैसे सड़क, पुल, बिजली, जल आपूर्ति, संचार), कृषि एवं पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, सामाजिक संरचनाएं एवं आजीविका क्षेत्रों का मूल्यांकन किया जा रहा है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सर्वेक्षण कार्य समयबद्ध, पारदर्शी एवं सटीक हो, ताकि प्रभावितों को यथाशीघ्र राहत व पुनर्वास की सुविधा प्रदान की जा सके।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने आपदा प्रभावितों की हर जरूरत का ख्याल रखने तथा उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने के निर्देश सभी जिलाधिकारी को दिए गए हैं। माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार PDNA प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि राज्य को शीघ्र ही केंद्रीय सहायता प्राप्त हो और पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यों को गति मिल सके।

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