मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने गुरुवार देर सायं सेतु आयोग के कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सेतु आयोग में कार्यरत विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के साथ विस्तार से महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सेतु आयोग उत्तराखण्ड के विकास में राज्य सरकार के थिंक टैंक के रूप में कार्य करेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि विभागों को आयोग के साथ अपनी नीतियों और कार्यक्रमों पर मंथन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आयोग अध्ययन करके बताए कि किस विभाग में किस पॉलिसी में क्या परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है,
जिससे पॉलिसीज का अधिकतम लाभ मिल सके। मुख्य सचिव ने कहा कि कोल्ड वाटर फिशरीज हमारी यूएसपी है, इसे हम किस प्रकार से पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी से जोड़ सकते हैं, इस पर अध्ययन किया जाना चाहिए। उन्होंने वन आर्थिकी को बेहतर बनाए जाने की दिशा में कार्य किए जाने की बात भी कही। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों की वर्षा आधारित कृषि को सुनिश्चित कृषि में परिवर्तित करने के लिए शोध एवं सुधार की दिशा में भी कार्य करने की बात कही। मुख्य सचिव ने कहा कि सेतु आयोग के अंतर्गत एक मजबूत एक्सपर्ट टीम हमें मिली है। इससे राज्य की बेहतरी के लिए शोध क्षमता को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

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