उत्तराखंड आंदोलनकारियों के आरक्षण का मसला सरकारी फाइलों में गुम हो गया है। 8 सितंबर को विधानसभा ने आरक्षण से जुड़ा बिल प्रवर समिति को भेजा था और तब 15 दिन का वक्त दिया गया था। मगर आज तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। प्रवर समिति के अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल हैं, समिति की कुछ बैठकें भी हुई हैं लेकिन फैसला नहीं हो पा रहा।
कांग्रेस का सरकार की नीयत पर सवाल
आंदोलनकारियों के आरक्षण को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। धीरेंद्र प्रताप ने आरोप लगाया है कि बीजेपी आंदोलनकारी आरक्षण के मसले को लोकसभा चुनाव तक ले जाना चाहती है धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि राज्य सरकार का लक्ष्य आंदोलनकारियों का सम्मान करना नहीं । वो आंदोलनकारियों के नाम पर अगले लोकसभा चुनाव में वोटों की खेती करना चाहती है । जो मुंगेरीलाल के हसीन सपने से ज्यादा कुछ नहीं है भाजपा ने जिस तरह से राज्य आंदोलनकारी का दिल दुखाया है अगले लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचो सीटों पर उसकी पराजय तय है।

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