28 October 2025

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

सतपाल महाराज के आदेश पर स्पीकर को नहीं भरोसा?

सतपाल महाराज के आदेश पर स्पीकर को नहीं भरोसा?

 

कोटद्वार में मारने नदी पर पुल टूटने के मामले की शिकायत विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की है। शिकायतों का कच्चा चिट्ठा लेकर स्पीकर आज सीएम से मिलने पहुंचीं। ऋतु खंडूरी ने सीएम को बताया कि पुल की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कब कब अधिकारियों को चिट्ठी लिखी या कब कब उनसे फोन पर बात की और कदम उठाने की अपील की, मगर तमाम कोशिशों के बाद भी अधिकारियों ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और अब एक शख्स को अपनी जान गंवानी पड़ी। ऋतु खंडूरी ने इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस से कराने की मांग भी सीएम से की है। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। पुल टूटने के बाद इलाके में हो रही समस्याओं का हवाला देकर खंडूरी ने वैकल्पिक वयवस्था करने की मांग भी धामी से की। खास बात ये है कि पुल टूटने के मामले कोर्ट लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज जांच के आदेश दे चुके हैं लेकिन खंडूरी ने सीएम से विजिलेंस जांच कराने के कहा है, ऐसे में सवाल ये है कि क्या स्पीकर को मंत्री की जांच पर भरोसा नहीं है? क्या सतपाल महाराज के आदेश को विधानसभा अध्यक्ष सिर्फ दिखावा मान रहीं हैं? पूरे मामले पर विवाद लगातार बढ़ रहा है और नौकरशाही की लापरवाही खुलकर सामने आई है जिसे लेकर सरकार में भी खलबली है। स्पीकर ने जिस तरह तीखे तेवर दिखाए हैं उसके बाद निगाहें सीएम धामी पर हैं कि वो कब और क्या कदम उठाते हैं।

See also  डीएम पिथौरागढ़ ने सड़क को गड्ढा मुक्त बनाने को लेकर की अहम बैठक

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया की क्षेत्र में मालन नदी पर वर्ष 2010 में लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 1250 लाख की धनराशि से तैयार किया गया पुल जो मात्र 13 वर्षों में ध्वस्त हो गया.

इस हादसे में 38 वर्षीय हल्दुखाला कोटद्वार निवासी प्रसन्न मोहन डबराल की मृत्यु हो गयी,घटना में 2 अन्य व्यक्ति घायल हो गये,

खंडूरी ने बताया की उनके द्वारा समय-समय पर स्थानीय अधिकारियों से लेकर शीर्षस्थ अधिकारियों को दूरभाष, बैठक में व्यक्तिगत रूप से तथा पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया कि कोटद्वार में मालन सुखरा और खा नदियों में अनियंत्रित खनन किया गया जिसके कारण इन नदियों पर बने पुलों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होना स्वाभाविक है,परिणाम स्वरूप मालन नदी पर बना पुल मात्र 13 वर्षो में ध्वस्त हो गया,ये पुल कोटद्वार और भाबर को आपस में जोड़ता है,

See also  उत्तराखंड में आईपीएस और पीपीएस अफसरों के तबादले

विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोटद्वार विधान सभा क्षेत्र के हजारों निवासियों सहित औद्योगिक क्षेत्र पर पढ़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए सतर्कता विभाग से खनन अवधि में सम्बन्धित विभागों की उच्च स्तरीय जांच दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी करवाई करने की मांग की,

विधानसभा अध्यक्ष ने क्षेत्र कोटद्वार के कलालघाटी – मवाकोट मार्ग के मध्य मालन नदी पर 300 मीटर स्पॉन डबल लेन आर०सी०सी० सेतु का निर्माण कराए जाने के बात कही,

मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष की सभी मांगों को माना और पुल गिरने की जांच विजलेंस के माध्यम से कराने की बात की साथ ही बंद पड़े पुल के ध्वस्तीकरण करने को कहा और वैकल्पिक मार्ग मावकोट- कण्वआश्रम को कोटद्वार वासियों के आवागमन के लिए चौड़ीकरण और सुगम बनाने की बात की।