यूसीसी को लेकर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया को तर्कहीन और भ्रम फैलाने वाला करार दिया है। उन्होंने पलटवार किया कि सदन से पहले ड्राफ्ट सार्वजनिक करने की असंवैधानिक बात करने वालों को सदन में अपने विधायकों की क्षमता पर भरोसा नहीं है । केंद्र से कानूनी पहल की बात करते हैं उन्हें तो खुश होकर देवभूमि की पहल का स्वागत करना चाहिए ।

यूसीसी को लेकर विपक्ष के बयानों को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा है कि भाजपा भारतीय संस्कृति, संविधान निर्माताओं की सोच एवं जन भावनाओं का सम्मान करते हुए इस कानून पर आगे बढ़ रही है। लेकिन कांग्रेस और उनके गठबंधन ने हमेशा एक समान कानून से देश में एकरूपता लाने की कोशिशों का हमेशा विरोध किया है। उन पर दबाव का ही असर है कि जो कल तक खुलकर इसे देश तोड़ने की साजिश कहते थे वह आज सार्वजनिक रूप से विरोध करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे हैं ।हालांकि आज भी तुष्टिकरण की नीति के तहत ही पूर्व सीएम हरीश रावत सदन में पेश होने वाले ड्राफ्ट को सार्वजनिक करने का कुतर्क दे रहे हैं, जबकि सभी जानते हैं कि सत्र आहूत है और उसमें ही ड्राफ्ट रखा जाना संवैधानिक है । जहां तक तर्क सुझावों का है तो जनता के मध्य डेढ़ साल में पर्याप्त चर्चा हुई है और कांग्रेस ने उसमे शामिल होना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि सदन के बाहर इस पर चर्चा करने की बात उनके डर को प्रतिबिंबित कर रहा है। साफ है कि उन्हे अपने विधायकों की तर्क क्षमता पर भरोसा नहीं है ।
कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद- मनवीर चौहान
मनवीर चौहान ने कहा कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता बेबुनियादी सवाल कर रहे हैं कि कानून केंद्र से क्यों नही बनाया जा रहा है ? जबकि वे यूसीसी के पक्ष में नहीं हैं। यदि वह यूसीसी को चाहते हैं तो उन्हें प्रसन्न होना चाहिए कि देवभूमि ऐसा करनें वाला पहला राज्य बनने जा रहा है । लेकिन जनता को भरोसा है भाजपा ने 3 तलाक को समाप्त किया, कश्मीर से धारा 370 को भी हटाया और यूसीसी भी भाजपा ही लेकर आएगी । लेकिन कांग्रेस की टिप्पणियों से यह साफ हो गया है कि उन्होंने पहले भी यूसीसी का विरोध किया और अब भी विरोध जता रहे हैं।

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