पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार पर पाप करने का आरोप लगाया है। हरीश रावत ने साफ किया है कि राज्य_आंदोलनकारियों के आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिजीय आरक्षण देने का विधेयक कल फिर से विधानसभा में रखा गया है। उम्मीद है आज या कल उसका पारण होगा। भारतीय जनता पार्टी ने 8 साल राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को इस अधिकार से वंचित रखा।
यह विधेयक 2016 में पारित होकर महामहिम राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया था और मुझे बहुत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि केंद्र सरकार के निरंतर दबाव में व्यवहार कर रहे महामहिमों ने एक के बाद एक इस विधेयक में हस्ताक्षर नहीं किये, इसको एसेन्ट नहीं दी और 8 साल राज्य आंदोलनकारियों को संघर्ष करना पड़ा, उनके कई आश्रित इस दौरान सरकारी नौकरियों की अपनी पात्रता उम्र के कारण खो चुके हैं। क्या ये 8 साल का जो पाप है भारतीय जनता पार्टी के सर पर धामी की सरकार इसका प्रायश्चित करेगी? क्या उनके आश्रितों के लिए सरकारी नौकरियों में आवेदन पर उम्र की छूट देगी? एक बात तो बिल्कुल साफ है कि 8 साल पहले जो अधिकार उनको उत्तराखंड राज्य देना चाहता था 2016 में, उसको लटका करके भारतीय जनता पार्टी 2024 तक घसीट करके ले आई।

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