जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड ने अपने पांच वीर सपूत खो दिए। इस ख़बर के बाद से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। हर किसी की आंख नम है। पूरी डागर पट्टी में शोक की लहर है। लोग बलिदानी के घर पहुंच रहे हैं। बलिदानी राइफलमैन अनुज नेगी का परिवार रखती खाल विकासखंड के डाबरिया गांव में रहता है। बलिदानी के दो भाई-बहन है। पिता भारत सिंह वन विभाग में दैनिक श्रमिक के पद पर काम करते हैं। जबकि मां सुमित्रा देवी ग्रहणी है। ग्राम प्रधान नंदन सिंह ने बताया कि बलिदानी अनुज की शादी बीते साल नवंबर माह में हुई थी।
टिहरी के विनोद सिंह की शहादत
नई टिहरी जाखणीधार ब्लॉक के चौंड-जसपुर निवासी विनोद सिंह (33) ने भी कठुआ में हुए आतंकी हमले अपना बलिदान दे दिया। ग्राम प्रधान कीर्ति सिंह कुमाई ने बताया कि वीर सिंह भंडारी, शशि देवी के पुत्र विनोद सिंह 10 वीं गढ़वाल राइफल में तैनात थे। वर्तमान में उनका परिवार भानियावाल देहरादून में रहता हैं। विनोद 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। वह घर के इकलौते बेटे थे। विनोद का चार साल का बेटा और चार माह की बेटी है। डेढ़ महीने पहले ही वह घर भानियावाला आए थे। गांव में यह सूचना मिलते ही कोहराम मच गया। विनोद सिंह के पिता वीर सिंह भंडारी पूर्व सैनिक है और वह तीन बहनों के इकलौता भाई थे।
आदर्श नेगी का सर्वोच्च बलिदान
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी के बलिदान होने की सूचना है। खबर के बाद उनके घर में मातम है। पूरे क्षेत्र में यह खबर आग की तरह फैल गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। 26 वर्षीय आदर्श 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता दलबीर सिंह नेगी गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करते हैं। आदर्श की 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कालेज पिपलीधार से हुई। 2018 में वह गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हो गए। उस दौरान वह गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र थे। आदर्श तीन भाई-बहन में सबसे छोटे थे। सोमवार देर रात उनके बलिदान होने की खबर परिजनों को मिली है। रुद्रप्रयाग जखोली ब्लाक के कांडा-भरदार निवासी नायब सूबेदार आनन्द सिंह रावत ने देश के लिए अपना बलिदान दे दिया। 41 वर्षीय सेना के जवान का परिवार देहरादून में रहता है। सेना द्वारा शहीद के गांव और परिवार को सूचना दे दी गई है।
शहीद कमल सिंह को नमन
पौड़ी जिले के रिखणीखाल ब्लॉक के पापड़ी गांव पोस्ट धामधार के निवासी कमल सिंह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनके पिता का काफी साल पहले निधन हो गया था। गांव के घर में मां सुमति देवी, पत्नी रजनी देवी अपनी तीन व पांच साल की बेटियों के साथ रहती हैं। इसी साल कमल सिंह ने बच्चों को पढ़ाने के लिए कोटद्वार में किराए पर मकान लिया था। जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले की सूचना मिलते ही उनका परिवार मंगलवार तड़के गांव के लिए रवाना हो गया।
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