केदारनाथ यात्रा शुरू होने के साथ ही घोड़े खच्चरों की बीमारी और मौत को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं । इसी मुद्दे पर यूकेडी नेता डॉ. आशुतोष भंडारी गौरीकुंड जाकर यात्रा मार्ग पर घोड़ा-खच्चर स्वामियों से मुलाकात की गई। यात्रा के दौरान यह दुखद तथ्य सामने आया कि इस बार बड़ी संख्या में घोड़े-खच्चरों की मृत्यु हुई है, जिससे अनेक परिवारों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। आशुतोष भंडारी ने कहा कि गंभीर विषय को लेकर मैंने शासन-प्रशासन से बातचीत की और मांग की कि मृत घोड़े-खच्चरों के स्वामियों को उचित मुआवजा दिया जाए ताकि वे अपनी आजीविका पुनः सुचारू रूप से चला सकें।

साथ ही पशु विभाग रुद्रप्रयाग के समस्त डॉक्टरों से मुलाक़ात की, जो दिन-रात घोड़े-खच्चरों को बचाने हेतु जी-जान से कार्य कर रहे हैं। उनका कार्य सराहनीय है। रेस्ट (विश्राम) दिए जाने के कारण कई खच्चर स्वामी अपने पशुओं को लेकर घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे न केवल उन्हें भारी परेशानी हो रही है बल्कि उनकी आजीविका पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मैंने मुख्य विकास अधिकारी (CDO) से मिलकर पशुओं हेतु चारे की तत्काल व्यवस्था कराने का अनुरोध किया, जिस पर प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिया है।
साथ ही गोरी कुंड मै जिन स्थानीय दुकानों को परेशान कर रहे थे अब उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा उनकी दुकानें वही लगवाई जाएगी। , आशुतोष भंडारी ने कहा कि मैं लगातार इस विषय पर संबंधित विभागों से संपर्क में हूँ और केदारनाथ यात्रा से जुड़े सभी लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूँ।

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