16 September 2024

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बीजेपी ने की सीएम धामी की तारीफ

बीजेपी ने की सीएम धामी की तारीफ

उत्तराखंड बीजेपी प्रवक्ता विनोद सुयाल ने कहा कि हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर कोई अपने जीवन में एक बार जरूर चार धाम की यात्रा करना चाहता है। यही वजह है हर साल इन धामों पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है।चारधाम में केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमनोत्री और गंगोत्री आते हैं। इन चार धामों के साथ अन्य प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल भी सम्मिलित है। कोरोना काल के बाद से 2021-2022-2023 और 2014 में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। विनोद सुयाल कहा की उत्तराखंड चारधाम यात्रा जोरों शोरों से चल रही है। चारधाम यात्रा की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद कमान संभाली है। वह यात्रा से संबंधित पल-पल की जानकारी ले रहे हैं, ताकि चारधाम यात्रा अच्छी तरीके से चलती रहे। इसके चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई बार चारधाम यात्रा की व्यवस्था का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों के साथ हर बार बैठक की और उन्हें यात्रा व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक निर्देश देते रहे हैं। इस समय प्रदेश में आई प्रकृति आपदा के चंद घंटो के बाद उन्होंने कमान अपने हाथ में संभाली और यात्रा फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गई है। यह उनके कुशल नेतृत्व और प्रबंधन का ही परिणाम है कि इतने कम समय में यात्रा फिर से शुरू हो पाई है। यही नहीं हैली सेवा के लिए भी 25% की उन्होंने छूट देने के निर्देश दिए थे उनके आदेश पर हेली सेवा ने कटौती की है।

3 साल से बढ़ रही यात्रियों की संख्या- सुयाल

विनोद सुयाल ने बताया कि अगर 3 वर्षों के श्रद्धालुओं का आकलन भी किया जाए तो वर्ष बार 2021 में 5,48,209 श्रद्धालु, वर्ष 2022 में श्रद्धालुओं की संख्या में फिर उछाल आया और 48 लाख के लगभग श्रद्धालु चारधाम आए, वर्ष 2023 में 58 लाख के लगभग श्रद्धालु चारों धाम में दर्शन किए और इस वर्ष 2024 में अभी तक कुल 32 लाख 44 हजार 26 श्रद्धालुओं ने चारधाम में दर्शन किए। यह दर्शाता है कि पुष्कर सिंह धामी की सरकार द्वारा हर वर्ष सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है जिससे देश-विदेश में अच्छा संदेश जा रहा है। उत्तराखंड राज्य को इससे बहुत बड़ा आर्थिक लाभ हो रहा है।विनोद सुयाल ने बताया कि आर्थिक दृष्टि से अगर देखा जाए तो धामी जी के 3 वर्ष के कार्यकाल में चार धाम यात्रा से 2022 चारधाम यात्रा से धनवर्षा से 211 करोड़ का कारोबार, वर्ष 2023 आंकलन के अनुसार इस दौरान राज्य में श्रद्धालुओं के आने से करीब 20 हजार करोड़ का वित्तीय लेनदेन हुआ और 2024 यात्रा अभी गतिमान है। इस यात्रा से रोजगार के साथ पलायन भी घट रहा है और राज्य का राजस्व भी बढ़ रहा है। जिसका श्रेय मुख्यमंत्री जी की दूर दृष्टि को जाता है।

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कांग्रेस हिंदू विरोधी मानसिकता वाली पार्टी- सुयाल

विनोद सुयाल ने कहा कि 2011 में भाजपा की सरकार ने यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे की स्वीकृति दिलाई थी। जिसको की हरीश रावत की सरकार ने निरस्त कर दिया था जो कि उत्तराखंड का बहुत बड़ा दुर्भाग्य साबित हुआ और 2023 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर से केंद्र से इसकी अनुमति दिलाई है और आने वाले समय में यह सुगम यात्रा का एक अच्छा उदाहरण देखने को मिलेगा। कांग्रेस हमेशा से हिंदू संस्कृति के विरोध में काम करने की शैली को बढ़ावा देती रही है और उत्तराखंड में भी जब-जब कांग्रेस की सरकार आई है उसने इस पर कुठाराघात किया है। पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के गढ़वाल संभाग के धार्मिक स्थलों के साथ-साथ कुमाऊं के धार्मिक स्थलों के लिए भारत सरकार की पहल कर मानस खंड परियोजना के तहत सभी मंदिरों का जीणोद्धार करने की अनुमति प्राप्त की और आदि कैलाश तक की यात्रा सुचारू हो सके उसके लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को उसकी यात्रा भी कराई तब से वहां श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री के द्वारा निरंतर एक उत्तराखंड श्रेष्ठ उत्तराखंड के लिए बेहतर से बेहतर प्रयास किया जा रहे हैं। विनोद सुयाल ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 18 जुलाई 2024 अपने मंत्रिमंडल की बैठक में चार धामों (राज्य में) – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – या उनके संचालन करने वाले ट्रस्टों या समितियों के नामों के इस्तेमाल को रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान करने का फैसला किया। विनोद सुयाल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा चारधाम तीर्थयात्रियों के लिए ऑफ़लाइन और ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली को और बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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चारधाम के पुराने रूट पर काम- सुयाल

विनोद सुयाल कहा की पुष्कर सिंह धामी सरकार चारधाम यात्रा पैदल मार्ग को फिर से विकसित कर रही है। पैदल मार्ग को फिर से विकसित करने से ट्रैकिंग टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। धामी सरकार ने इसको लेकर एक योजना भी तैयार कर ली है। मेरी जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड की प्राचीन चार धाम पैदल यात्रा 5120 वर्ष पुरानी है, जिसे प्रदेश सरकार ने फिर से विकसित करने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत रास्ते मार्ग में पड़ने वाली चट्टियों, पड़ावों की तलाश का कार्य शुरू किया जा चुका है। सरकार के इस कदम से रास्ते में पड़ने वाले पर्यटक व तीर्थस्थल, मठ-मंदिर एक बार फिर आबाद होंगे। इससे पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा। माना जा रहा है कि इससे रोजगार बढ़ेगा और पलायन की समस्या काफी हद तक कम होगी। इसके अलावा, धामी सरकार बदरीनाथ-केदारनाथ के मध्य रावल ट्रैक, नीती माणा ट्रैक समेत कई अन्य ट्रैक को भी खोलने की योजना तैयार करने पर विचार कर रही है। इसके साथ-साथ होमस्टे योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है, कमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उत्तराखंड के लोकल फूड को प्रमोट करने के लिए भी सरकार काम कर रही है।

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सीएम धामी सच्चे सनातनी- विनोद सुयाल

विनोद सुयाल ने कहा कि पुष्कर धामी सरकार ने जिस तरह से अवैध मजारों का सफाया किया और धर्मांतरण कानून लागू किया उससे उत्तराखंड के जन मानस में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की छवि एक सनातनी प्रशासक के रूप में स्थापित हुई।पीएम मोदी और सीएम धामी की डबल इंजन की सरकार ने चार धाम और मानसखंड तीर्थ स्थलो के विकास का जो मास्टर प्लान बनाया है। केदारनाथ के लिए रोपवे, यमुनोत्री के लिए रोपवे पर और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे की भी अनुमति मिली है। इस समय बद्रीनाथ में 481 करोड़ की लागत से और केदारनाथ में 188 करोड़ की लागत से पुनर्निर्माण और पुनर्विकास के कार्य किया जा रहे हैं

विनोद सुयाल ने कहा कि सीएम धामी ने हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर, हरिपुर जमुना कृष्णधाम, गंगा कांवड़ यात्रा, गोरक्षा, जनसंख्या असंतुलन जैसे विषयो पर प्रभावी कदम उठाए है। पुष्कर धामी ने हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा मामले पर जिस तरह से सख्ती दिखाई उससे उत्तराखंड की जनता में उनके सख्त प्रशासक होने जा संदेश गया। सीएम धामी, लव जिहाद लैंड जिहाद और अन्य मामलो को जिस तरह से सख्ती से निपटाने का जनता को विश्वास दिलाया उससे भी पुष्कर सिंह धामी के प्रति रुझान बढ़ा है। धामी सरकार ने गौ हत्या को रोकने के लिए कड़े कानून राज्य में लागू कर दिए है। गो हत्या, गो तस्करी करने वालो के खिलाफ अब गैंगस्टर एक्ट के तहत कारवाई की जा रही है।