उत्तराखंड में अडानी के बहाने सियासत तेज हो गई है। राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी और प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कृषि मंत्री से अडानी समूह द्वारा उत्तराखंड में 500 करोड़ का निवेश किए जाने पर सफाई मांगी है । दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड के कृषि मंत्री कह रहे हैं कि अडानी समूह उत्तराखंड के कृषि क्षेत्र में कृषि उपज को खरीदने के लिए 500 करोड रुपए का निवेश करेगा लेकिन हरियाणा,पंजाब के किसान हों या देश के किसान, लगातार अडानी और अंबानी समूह के खिलाफ मुखर विरोध कर रहे हैं क्योंकि अदानी समूह मनमाने तरीके से किसानो की फसल को खरीदने का काम करता है और फिर मनमाने दामों पर उसको बाजार में बेचने का काम करता है।
सरकार उद्योगपतियों की पैरोकार- गरिमा
दसौनी ने कहा कि इसलिए हमें आशंका है कि सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पूरी कृषि उपज मनमाने तरीके से उद्योगपति मित्रों के हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी की जा रही है और राज्य सरकार बताए की आखिर ये काम क्यों उत्तराखंड के बेरोजगार नौजवानों को नहीं सौंपा जा सकता और तो और सरकार क्यूं अपनी जिम्मेदारियां को नहीं समझ रही है ?सरकार को अगर भंडारण केंद्र ही बनाने हैं, कोल्ड स्टोरेज बनाने हैं तो अपने दम पर क्यों नहीं बना रही?
सरकार साफ करे अपना रुख- शीशपाल बिष्ट
प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा की ये कार्य उत्तराखंड के किसानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन देकर क्यों नहीं दिया जा सकता? आखिर ऐसा क्या है की इसके लिए भी उनको अडानी समूह में ही संभावनाएं नजर आ रही हैं और इसकी क्या गारंटी है कि आने वाले समय में उत्तराखंड की पूरी कृषि उपज , फलों की उपज मनमाने तरीके से अडानी समूह के हाथ में नहीं चली जाएगी? इस पर भी सरकार को अपना रवैया स्पष्ट करना चाहिए। या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि उद्यान घोटाले में संदेहास्पद भूमिका होने के चलते और सीबीआई का शिकंजा कसते देख ध्यान भटकाने के लिए कृषि मंत्री कोई नया पैंतरा चल रहे हो?
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