16 September 2025

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उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने को लेकर मुख्य सचिव की सख्ती

उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने को लेकर मुख्य सचिव की सख्ती

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में स्टेट लेवल Narco Coordination Center (NCORD) के संबंध में बैठक की। इस दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को NCORD की जिला स्तरीय बैठक माह में एक बार अनिवार्य रूप से आयोजित करने की कड़ी हिदायत दी।

मुख्य सचिव ने सभी जिलों से NCORD बैठकों की रिपोर्ट तलब करते हुए देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, चमोली एवं चम्पावत जनपदों द्वारा इस वर्ष एक भी जिला स्तरीय NCORD की बैठक आयोजित ना किए जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सम्बंधित जिलाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए सचिव गृह को इस सम्बन्ध में तत्काल पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही पर उत्तरदायी अधिकारियों की एसीआर में प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी भी दी।

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सीएस ने मेडिकल स्टोर पर दवाइयों का नशे के रूप में दुरूपयोग पर सख्त माॅनिटरिंग को लेकर महानिदेशक स्वास्थ्य को सभी मेडिकल स्टोर पर अनिवार्यतः सीसीटीवी लगवाने तथा रिकाॅर्ड के डिजिटाइजेश हेतु निर्देश दिए। उन्होंने तत्काल सम्बन्धित विभाग तथा जिलाधिकारियों को नशा मुक्ति केन्द्रों के लिए अलग से बजट मद सृजित करने और जिलाधिकारियों को प्रत्येक जिले में एक-एक नशा मुक्ति केन्द्र अनिवार्यतः स्थापित करने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सरकारी शिक्षण संस्थानों की भांति ही निजी स्कूलों, काॅलेजों एवं विश्वविद्यालयों में एंटी ड्रग्स कमेटी अनिवार्यतः गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने एण्टी ड्रग्स ई प्लेज (Anti Drug E pledge) को भी जन जागरण अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए। उत्तराखण्ड में अभी तक 2,20,754 ई प्लेज ली जा चुकी हैं। इस मामले में देश भर में उत्तराखण्ड 6ठे स्थान पर है।

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मुख्य सचिव ने शैक्षणिक संस्थानों के कैम्पस को ड्रग्स फ्री सुनिश्चित करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए विभिन्न एनजीओ, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ इस सम्बन्ध में एमओयू करने की संभावनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि इस वर्ष अभी तक राज्य में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1020 केस रजिस्टर्ड हुए हैं तथा 1298 दोषियों को सजा हुई है।

इस दौरान बैठक में सचिव शैलेश बगौली सहित पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।