उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है और मामला मानसिक दिवालियापन तक पहुंच गया है। दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं की एक तस्वीर को लेकर शुरू हुआ विवाद थम नहीं रहा।
पीसीसी अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य पर उत्तराखंड बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान की ओर से दिए गए बयान पर मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह ने कहा कि मनवीर चौहान का बयान भाजपा की सोच के दिवालियापन को दर्शाता है
मनवीर चौहान को समझना चाहिए कि कांग्रेस नेता मोदी जी की तरह कैमराजीवी नहीं, ना ही वह हर एंगल की तस्वीरों के साथ प्रोपेगेंडा के लिए 10-15 कैमरामैन लेकर के चलते हैं।
वयोवृद्ध 81 वर्षीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी ने न सिर्फ श्री बद्री-केदार प्रसाद को सहसम्मान ग्रहण करते हुए अपने हाथों से शीश नवाकर और भगवान बद्रीनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया बल्कि पीसीसी अध्यक्ष जी उन्हें गंगाजल सहित भगवान श्री बद्रीनाथ के अंगवस्त्र भी भेंट किए जिस पर श्री खड़गे जी ने भगवान बद्री विशाल और बाबा केदारनाथ से समस्त देशवासियों के लिए मंगलकामनाएं की।
अमरजीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी के चित्रों पर भाजपा नेता की टिप्पणी उनकी घटिया सोच और भगवान बद्री-केदार व सनातन संस्कृति को आगे रखकर अपनी कुत्सित राजनीति करने को परिलक्षित करती है, भाजपा इस बात का जवाब दे कि बाबा केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में प्रधानमंत्री मोदी अपने चार-चार कैमरामैन के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं और केदारनाथ धाम के प्रांगण में वायरल तस्वीरों के अनुसार जूते पहन कर घूमते दिखते हैं साथ ही बाबा बाबा केदार जी की ओर पीठ कर जनता को संबोधित करते हैं तो क्या वह बाबा केदार का अपमान नहीं और वहीं गुफा में कैमरों के आगे ध्यान करने के नाम पर ढोंग करना अपमान नहीं, महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू को मंदिर के अंदर आदिवासी महिला होने के नाते प्रवेश कर पूजा करवाए जाने से रोकना सनातन संस्कृति का अपमान नहीं, श्री केदारनाथ धाम क्यूआर कोड गड़बड़ी मामले से भाजपा के नेता का हाथ नहीं, वहीं केदारनाथ धाम 230 किलो सोना 23 किलो में परिवर्तित हो जाने से क्या भाजपा की भावनाएं और सनातन संस्कृति आहत नहीं हुई।
अमरजीत ने कहा असल बात ये है कि कि भाजपा देश में राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से और कांग्रेस के एक दलित राष्ट्रीय अध्यक्ष और कर्नाटक चुनाव में अपनी हार से घबराई हुई है और बौखलाहट में इस प्रकार के अनर्गल विलाप कर रही है, जबकि भाजपा को इस पर जवाब देना चाहिए उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी का हत्यारा वीआईपी कौन? बढ़ती महंगाई का जिम्मेदार कौन? बढ़ती बेरोजगारी का जिम्मेदार कौन? राज्य के इन मूल प्रश्नों से बचने के लिए और जनता का ध्यान इस ओर से भटकाने के लिए भाजपा नेता निम्न स्तर की टिप्पणियां करते हैं, जबकि उन्हें अपने विकास कार्यों के बारे में जनता को बताना चाहिए जिसका जवाब उनकी डबल इंजन की सरकारों के पास नहीं है।
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