आज उत्तराखंड देवभूमि का 25वां राज्य स्थापना दिवस है। उत्तराखंड की धामी सरकार ने आज के दिन उत्तराखंड की जनता को समान नागरिक संहिता की सौगात देने का वादा किया था परंतु उत्तराखंड में भेड़िया आया की कहावत चरित्र हो रही है,यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का। गरिमा ने राज्य की धामी सरकार पर राज्य की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
दसौनी ने कहा कि पिछले 2 सालों से धामी सरकार और राज्य का भाजपा संगठन लगातार यूसीसी की डुगडुगी पीट रहा है और तो और लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी यूसीसी लाने वाले पहले राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपना झूठा प्रचार भी करके आ चुके हैं। पर आज राज्य स्थापना दिवस पर यूसीसी की सौगात उत्तराखंड को देने की बात कह कर एक बार सरकार ने फिर अपने कदम पीछे खींच दिए ।
दसौनी ने कहा कि इसका कारण यह है कि राज्य की भाजपा सरकार को यह साफ पता चल गया है कि यूसीसी का उत्तराखंड में तो कम से कम कोई अंडर करंट नहीं है और अब वह छद्म हिंदुत्व की आड़ में ज्यादा दिन राजनीति नहीं कर सकती ।
दसौनी ने कहा कि साफ दिख रहा है कि केदारनाथ उप चुनाव में हो रही है अपनी सुनिश्चित हार देख हार का मार्जिन दुगना न हो जाए शायद यह डर भी धामी सरकार को सता रहा है।
दसौनी ने राज्य सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि राज्य के करोड़ों रुपए यूसीसी की समिति गठित करने में और समिति के सदस्यों की तनख्वाह और बैठकों में बर्बाद कर दिया गया है तो केदारनाथ उपचुनाव से पहले प्रदेश में यूसीसी लागू करके दिखाएं वरना राज्य वासियों से माफी मांगे।
गरिमा ने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड में सांप्रदायिक माहौल बनाने की भरसक कोशिश करी,कभी लव जिहाद ,कभी लैंड जिहाद ,कभी धर्मांतरण कानून तो कभी थूक जेहाद का खूब प्रचार प्रसार किया गया और राजनीतिक रोटियां सेकी गई परंतु जब जब यूसीसी लागू करने की बात होती है तो खोदा पहाड़ और निकलता है चूहा।
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