26 December 2024

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कांग्रेस का सरकार पर बड़ा हमला

कांग्रेस का सरकार पर बड़ा हमला

उत्तराखंड कांग्रेस ने केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा के जरिये बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने विश्व सनातन धर्म की आस्था के केन्द्र श्री केदारनाथ ज्योर्तिलिंग के साथ छेड़-छाड़ करते हुए नई दिल्ली में केदारनाथ शिला लेजाकर सदियों पुरानी वैदिक एवं सनातनी परम्पराओं को तोड़ते हुए मंदिर के नाम पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ज्योर्तिलिंग की स्थापना कर समस्त हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड करने का काम किया है, जिसका विरोध स्वयं ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य जी ने भी किया है।

कांग्रेस ने एक और आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी धार्मिक स्थलों एवं मंदिरों पर अपना एकाधिकार और नियंत्रित करना चाहती है भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस कृत्य को सनातन धर्म में आस्था रखने वाला कोई भी हिन्दू बर्दास्त नहीं करेगा।

कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की अगुवाई में राज्य की भाजपा सरकार के निम्न कृत्यों के खिलाफ 24 जुलाई, 2024 से प्रारंभ हुई हरकी पैडी हरिद्वार से श्री केदारनाथ तक पद यात्रा (श्री केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा) गतिमान है जिसका समापन 3 अगस्त दिन शनिवार को जलाभिषेक के साथ होगा।

कांग्रेस ने सरकार पर दागे गंभीर सवाल

1, मुख्यमंत्री और बद्री केदार समिति के अध्यक्ष आजेंद्र अजय कांग्रेस और परम पूज्य शंकराचार्य जी पर झूठ बोलने के आरोप लगा रहे हैं जबकि 230 किलो सोने की खबरें बहुत से अखबारों में पहले से ही प्रकाशित हो रही थी अगर खबर झूठ थी तो तभी मंदिर समिति और भाजपा तथा सरकार द्वारा उन खबरों का खंडन क्यों नहीं किया।

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3, श्री केदारनाथ धाम के नाम पर से दिल्ली में मंदिर बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा भाजपा के पदाधिकारी एवं प्रवक्ता लगातार झूठ बोल रहे हैं नई दिल्ली से प्रकाशित समाचार पत्रों में श्री केदारनाथ से लाई गई शिला पूजन का स्पष्ट जिक्र है और भाजपा के तमाम नेता और दिल्ली ट्रस्ट के अध्यक्ष जनता से झूठ बोल रहे हैं और सच को छुपाया जा रहा है।

3, 10 जुलाई 2024 दिल्ली में श्री केदारनाथ भूमि पूजन के कार्यक्रम के दौरान मंच से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बार-बार दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम बनाए जाने की बात को दोहराया,उनका ये दूसरा झूठ था जिससे वे अब मुकर कर रहे हैं।

4, श्री केदारनाथ धाम में लेजर शो और साउंड शो चला कर मर्यादा भंग करने का प्रयास किया गया।

5, साउथ अफ्रीका से भगोड़े गुप्ता बंधुओं से दान लिया गया, जिन पर देश और विदेश में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, सोना दान कर वो अपनी एक आपराधिक छवि से धार्मिक छवि बनाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।

6, मंदिर समिति और पांडा पुरोहित लगातार गुप्ता बंधुओ से लिए जा रहे सोने का विरोध करते रहे लेकिन भाजपा सरकार उनके साथ लगातार खड़ी रही और आज वही गुप्ता बंधु जमानत पर बाहर है। स्पष्ट है ऐसे लोगों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है।

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7, 27 नवंबर 2019 को त्रिवेंद्र सरकार ने कैबिनेट से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 बोर्ड को मंजूरी दी थी. 5 दिसंबर 2019 में विधानसभा से विधेयक को पास भी सरकार ने करा लिया था. 14 जनवरी 2020 को राजभवन ने इस अधिनियम को मंजूरी मिल गई थी. इसके बाद सरकार ने 24 फ़रवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड का सीईओ नियुक्त कर दिया था, कांग्रेस पार्टी और पांडा पुरोहित के भारी विरोध और बढ़ते दबाव के बाद धामी सरकार को अपनी ही पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार का निर्णय को पलटना पड़ा।

8, कांग्रेस के समय में किए हुए कामों के शिलापटों को हटा दिया जाता है , प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ आते हैं और उनके द्वारा मंदिर के गर्भ गृह में की जा रही पूजा का लाइव प्रसारण कर मंदिर की मर्यादा को भंग करते हैं, जहां तीन-तीन चार-चार कैमरामैन में उनके प्रचार में गर्भ ग्रह में मौजूद रहे जो की पूरी तरह से श्री केदारनाथ मंदिर की मर्यादा का उल्लंघन है।

9, समय-समय पर मंदिर पर कई बार अनियमिताओं के आरोप भी लगे, आरोप लगाने वालों में पांडा पुरोहित और कई बार मंदिर समिति के ही लोग थे उसके बाद भी सरकार द्वारा उसे पर कोई जांच नहीं कराएगी ना ही कोई जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की गई।

10, पिछले वर्ष एक और फर्जीवाड़ा सामने आया मंदिर के बीआईपी गेट और नंदी के पास दो फर्जी क्यूआर कोड लगाए दिए गए, जबकि इसकी जानकारी न मंदिर समिति को थी, और नही प्रशासन को। कोई अज्ञात व्यक्ति क्यूआर कोड लगाकर चंदा एकत्र कर रहा था, पैसा किस खाते में जा रहा था इस पर जांच तो बैठाई गई परंतु जांच के बाद किसी दोषी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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11, श्री केदारनाथ धाम के मंदिर में तस्वीर के जाने पर पूरी तरह से पाबंदी है और कानूनी आधार पर दोषी व्यक्ति पर कार्रवाई की बात भी है। कई बार देखने में आया है मुख्यमंत्री स्वयं और नेता, वीआईपी वहां जाकर स्वयं फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डालते रहे हैं यह भी सीधा-सीधा श्री केदारनाथ धाम की मर्यादा परंपरा के विरुद्ध है इसके दोषी भाजपा के स्वयं नेतागण है जिन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।

12, भाजपा सरकार द्वारा कृष्णा माई गुफा का नाम भी परिवर्तित कर मोदी गुफा किया जा चुका है जबकि कृष्णा माई द्वारा इस गुफा में बरसों तपस्या की गई थी जिसके चलते इस गुफा का नाम सदियों पूर्व कृष्णा माई गुफा पड़ा था। भाजपा सरकार द्वारा इस गुफा के दर्शन हेतु ₹1100/- फीस भी रखी जा रही है।

बीजेपी के नेता अपने कुकृत्यो से बचने के लिए समय-समय पर कांग्रेस पर दोषारोपण करते हैं। जबकि ये सर्वविदित है कि कांग्रेस पार्टी ने आज तक किसी मंदिर या धाम की मर्यादा और परंपरा को भंग नहीं किया बल्कि हमेशा उसकी संजोने और संभालने का काम किया है ।