जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में सोमवार को जिला गंगा संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने नमामि गंगे योजना के तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने नदियों की स्वच्छता को लेकर संबंधित विभागों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरों से निकलने वाले नालों को सीवर ट्रीटमेंट प्लान्ट से जोड़ने की निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने समस्त अधिशासी अधिकारियों को नगर निकाय के अंतर्गत किए जा रहे ठोस अवशिष्ट प्रबंधन, एमआरएफ(मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर की स्थिति, एसएलएफ (सरफेस लिटर मैनेजमेंट) सेंटर की स्थिति,निकाय के अंतर्गत संचालित होटल के तरल अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति से संबंधित सूचनाओं को आज ही उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारियो को अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत 20 से अधिक कमरों वाले होटलों की जांच कर निर्धारित मानकों के अनुरुप एसटीपी निर्माण न करने या सीवर संयोजन न लेने वाले होटल संचालकों के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करनें के निर्देश दिए। उन्होंने अधिशासी अधिकारियों को जनपद के सभी नगरों में कूड़े से नालियों के जाम होने की संभावना वाले स्थानों को चयनित कर नालियों की सफाई करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर पालिका और पंचायत क्षेत्रों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की जानकारी लेते हुए सूखे और गीले कचरे का अलग.अलग निस्तारण करने की बात कही।
जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का फिकल कॉलीफार्म ज्यादा है। उन्हें एनजीटी के निर्धारित मानकों के अनुरूप करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें । उन्होंने ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी अभिषेक गुप्ता से बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की जानकारी ली इस पर उन्होंने बताया भारत एनवायरमेंटल सॉल्यूशन कंपनी द्वारा सप्ताह में तीन दिन आकर बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण हेतु ले जाया जाता है।

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