उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर शोर मचाने वालों को तगड़ी नसीहत दी है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में कहीं बेरोजगारी नहीं है अगर बेरोजगारी होती तो नेपाल, ओडिशा, बिहार, यूपी समेत दूसरे राज्यों के लोग काम करने उत्तराखंड नहीं आते। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये भी कहा है कि बेरोजगारी को लेकर सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगा बल्कि धरातल पर काय करना होगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि सरकारी नौकरियों से कभी बेरोजगारी खत्म नहीं हो सकती। त्रिवेंद्र ने दावा किया कि कोई भी नेता हो वो सभी को नौकरी दिलाने की बात करता है तो वो झूठ बोलता है। त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि बेरोजगारी दूर करने के नाम पर 75 सालों से सिर्फ ठगा जा रहा है और आगे भी यही होगा। त्रिवेंद्र रावत ने उत्तराखंड में पलायन के लिए तीन चीजों शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी को जिम्मेदार माना लेकिन इसके लिए सरकार में रहते हुए क्या काम किया ये नहीं बताया।
बेरोजगारों को त्रिवेंद्र की सलाह
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने युवाओं से नौकरी के पीछे ना भागने को कहा है। त्रिवेंद्र ने कहा कि नौजवानों का मकसद सिर्फ छोटी मोटी नौकरी पाना और शादी करना ही रह गया है। लोग बस 10-15 हजार की नौकरी में ही खुश हैं। पूर्व सीएम ने राज्य के युवाओं से स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ाने को कहा। इसके लिए उन्होंने थाइलैंड का उदाहरण भी दिया। त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड में हॉर्टिकल्चर, सोलर एनर्जी और पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं और इससे बड़ी संख्या में नौजवानों को काम मिल सकता है। त्रिवेंद्र ने होम स्टे की भी तारीफ की। पूर्व सीएम ने दोहराया कि अगर लोग स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाएंगे तो उससे उत्तराखंड की आर्थिकी भी मजबूत होगी। त्रिवेंद्र रावत ने लोगों से पर्यावरण बचाने की अपील भी की।
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