7 July 2025

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

संघ के कार्यक्रम में जा सकेंगे सरकारी कर्मचारी, लेफ्ट ने जताया विरोध

संघ के कार्यक्रम में जा सकेंगे सरकारी कर्मचारी, लेफ्ट ने जताया विरोध

केंद्र सरकार के बाद अब उत्तराखंड की भाजपा सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों को आरसएस के कार्यक्रमों में भाग लेने की छूट देने के आदेश का लेफ्ट ने पुरजोर विरोध किया है। इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि ये आदेश एक तरह से सरकारी तंत्र और उसमें काम करने वाले कार्मिकों के साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की एक और कोशिश है।

30 नवम्बर 1966 को जब केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के आरएसएस और जमात- ए- इस्लामी की गतिविधियों में शामिल होने पर रोक का सर्कुलर जारी किया था, तो ये माना गया था कि इन दोनों संगठनों की गतिविधियां राजनीतिक प्रकृति की हैं. आज जब आरएसएस राजनीतिक सत्ता के शीर्ष पर बैठा हुआ है, तब उसकी गतिविधियों को गैर राजनीतिक घोषित करना सरासर फर्जीवाड़ा है.आरएसएस न केवल राजनीति करता है बल्कि वह राजनीति को नियंत्रित करने की कोशिश भी करता है।

See also  मुख्यमंत्री धामी ने आपदा प्रभावित उत्तरकाशी का हवाई जायजा लिया

1980 में जारी सर्कुलर में सरकारी कार्मिकों के धर्म निरपेक्ष दृष्टिकोण पर बल दिया गया था और उनकी सांप्रदायिक भावनाओं और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के शमन की आवश्यकता बताई गयी थी. आज जब सांप्रदायिक उन्माद और पूर्वाग्रह की राजनीति फल-फूल रही है तो ऐसे में सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की छूट देना,पूरे सरकारी तंत्र को ही सांप्रदायिकता की भट्टी में झोंकने जैसा है.

आरएसएस की गतिविधियों में कर्मचारियों को शामिल होने की छूट देने के चलते सरकारी सेवाओं की निष्पक्षता प्रभावित होगी और यह छूट एक तरह से कर्मचारियों पर जबरन आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने के दबाव का सबब बनेगी.भाजपा की सरकार और आरएसएस के कब्जे वाला तंत्र उन कार्मिकों को प्रताड़ित करेगा जो उसके खेमे में या उनकी जी हुजूरी में शामिल नहीं होंगे.

See also  सीएम धामी ने की रोपाई, कांग्रेस ने कसा तंज

हम ये मांग करते हैं कि ये आदेश तत्काल वापस लिया जाए, जिन कार्निकों की आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने की प्रबल इच्छा हो, वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर ऐसा करने को स्वतंत्र हैं.