श्रीनगर तहसील क्षेत्रांतर्गत गौशाला के समीप लगाये गये पिंजरे में कैद हुए नर गुलदार के नमूने जाँच के लिए फॉरेन्सिक लैब भेजे जाएंगे। वहीं, वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि क्षेत्र में अकेले या अँधेरे में नहीं जाये। क्षेत्र में अन्य गुलदार की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
पिछले कुछ दिनों से श्रीनगर नगर निगम के गंगा दर्शन और गौशाला के आसपास गुलदार के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी। यहाँ गुलदार तीन लोगों पर हमला भी कर चुका है। जिससे स्थानीय लोगों में भारी भय और असुरक्षा का माहौल था।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों के क्रम में गुलदार की बढ़ती सक्रियता और हमलों की बढ़ती घटनाओं के बाद वन विभाग ने गौशाला क्षेत्र में पिंजरा लगाया था। लगातार निगरानी और प्रयासों के बाद शनिवार सुबह यह गुलदार पिंजरे में फंस गया। गुलदार के पकड़ में आने की खबर से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन वन विभाग ने अभी भी सतर्कता बरतने की अपील की है।
डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने कहा कि गुलदार पकड़े जाने के बावजूद लोग अभी भी सतर्कता बरतें। सुबह-शाम की वॉक या अन्य किसी गतिविधि के दौरान अकेले न निकलें और विशेषकर अंधेरे वाले क्षेत्रों से बचें। विभाग का कहना है कि गुलदार को पकड़ लिया गया है, लेकिन यह जांच का विषय है कि वह बार-बार मानव बस्तियों की ओर क्यों आ रहा था।
उन्होंने बताया कि पिंजरे में कैद हुआ गुलदार पांच साल का नर है। पौड़ी में वन्यजीव विशेषज्ञ और डॉक्टरों की टीम उसका स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। विशेषज्ञ यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि गुलदार के हमलावर व्यवहार के पीछे कोई चोट, बीमारी या कोई अन्य कारण तो नहीं है। यदि गुलदार की हालत सामान्य पायी जाती है, तो उसे उसके प्राकृतिक आवास में शिफ्ट किया जाएगा, अन्यथा उसकी विशेष निगरानी की जाएगी।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि वन विभाग के अनुरोध पर गुलदार के रक्त, नेल स्क्रैपिंग व हेयर फॉलिकल्स के नमूने लिए गये हैं। इन नमूनों को फॉरेंसिक जांच हेतु भेजा जाएगा। ताकि यह जानने में मदद मिल सके कि क्या पकड़े गये गुलदार ने ही मनुष्यों पर हमला किया था, या गुलदार किसी बीमारी से पीड़ित तो नहीं है।
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