लोकसभा चुनाव से पहले क्या हरीश रावत और हरक सिंह रावत में सुलह हो गई है? हरिद्वार सीट को लेकर क्या दोनों नेताओं के बीच टकराव खत्म हो गया है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि आज हरक सिंह रावत ने खुद जाकर हरीश रावत से मुलाकात की और हाल चाल जाना।
दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत भी हुई। आमने-सामने क्या बात हुई इसका ब्योरा तो अभी नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि राजनीतिक गतिविधियों पर चर्चा जरूर हुई होगी।
हरीश रावत पिछले हफ्ते बाजपुर में एक सड़क हादसे में घायल हो गए थे। उसके बाद वो हिमालयन अस्पताल में एडमिट हुए। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कई नेता और कार्यकर्ता उनसे मिलने पहुंच रहे हैं। आज हरक सिंह रावत भी देहरादून में हरीश रावत के आवास पर गए।
अदावत का पुराना दौर
हरीश और हरक दोनों ही हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ने की कवायद में हैं। हरक रावत तो खुलकर कह चुके हैं कि वो 2024 का लोकसभा चुनाव हरिद्वार से लड़ना चाहते हैं। जबकि हरीश रावत हाल के दिनों में हरिद्वार में काफी सक्रिय दिखाई दिए। जिसका सीधा मतलब उनकी दावेदारी के तौर पर देखा जा रहा है। हरक रावत ने 2016 में हरीश रावत के खिलाफ बगावत की थी जिसके बाद दोनों के रिश्तों में तल्खी आई थी। हालांकि उस बगावत के बाद भी हरीश रावत ने हरीक सिंह रावत के बेटे की शादी में शिरकत की थी लेकिन राजनीतिक तौर पर तकरार कायम रही। 2022 चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी हुई थी तब भी ये कहा गया कि हरीश रावत इससे नाखुश हैं, हालांकि हरदा ने डायरेक्ट कभी ये बात नहीं कही लेकिन उज्याड़ू बल्द कहकर वो बार-बार तंज कसते रहे। साथ ही बगावत करने वालों को उत्तराखंडियत का दोषी भी बताते रहे। इसके बाद लोकसभा चुनाव को लेकर जब हरक ने खुलकर ऐलान किया तो हरदा काफी असहज नज़र आए। दोनों नेताओं के बीच काफी बयानबाजी भी हुई है मगर आज हरक रावत ने जिस तरह मुलाकात की है। उसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या दोनों के सियासी रिश्तों में जमी बर्फ पिघल गई है?
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