कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत गुरुद्वारा पोंटा साहिब पहुंचे , जो श्री गुरु गोविन्द सिंह जी का पवन स्थान है। सिख परंपरा के प्रति श्रद्धा रखते हुए उन्होंने गलती से बोले गए उनके शब्दों के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब से माफ़ी मांगी और पश्चाताप व्यक्त करते हुए जोड़ा घर (जहां संगत के जूतों होते हैं) की सेवा की और लंगर रसोई में सेवा की। उन्होंने गुरु साहिब की हाज़िरी में अरदास कर सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगी और गुरु साहिब के चरणों में प्रसाद अर्पित किया।

पिछले दिनों उत्तराखंड कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के धरना प्रदर्शन के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत जी ने अपने संबोधन में सिख अधिवक्ता के संदर्भ में अनजाने में एक शब्द बोल दिया। उसी क्षण उन्हें अपनी भूल का एहसास हो गया और उन्होंने तुरंत उस अधिवक्ता से क्षमा भी मांगी।
जब कार्यक्रम में मौजूद कुछ अन्य अधिवक्ताओं ने इस पर नाराज़गी जताई, तो हरक सिंह रावत जी स्वयं बार काउंसिल कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से खुलकर बातचीत की, अपनी भावनाएं साझा कीं और स्पष्ट कहा कि उनके मन में सिख समाज के लिए अत्यंत सम्मान है। उन्होंने कहा कि सिख समाज ने हमेशा उत्तराखंड और देश के लिए कठिन से कठिन समय में आगे बढ़कर सेवा की है और अपनी कर्तव्यनिष्ठा से दुनिया का दिल जीता है। उनकी मंशा कभी भी किसी समाज, विशेषकर सिख समाज, के प्रति अमर्यादित शब्द कहने की नहीं रही।
उन्होंने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी व्यक्ति, अधिवक्ता या समाज का कोई साथी आहत हुआ है, तो वे हृदय से क्षमा प्रार्थी हैं। कोर्ट परिसर में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने उनकी बात को समझा, सहमति व्यक्त की और वहीं इस मामले को समाप्त भी कर दिया। सभी ने एक-दूसरे का धन्यवाद किया।

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