उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में मौन उपवास के जरिये सरकार पर निशाना साधा। हरीश रावत ने ये उपवास गैरसैंण की अनदेखी का आरोप लगाते हुए किया। पूर्व सीएम ने पहले ही ऐलान किया था कि गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी की खोज के लिए वो उपवास करेंगे और सरकार सेजवाब मांगेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गैरसैंण में वीर चन्द सिंह गढ़वाली की मूर्ति के निकट मौन उपवास रखा उन्होंने कहाा बीीजेप का दावा है कि उन्होंने गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी स्वीकृत की है और बना दी है। इसीलिये जगह-जगह ग्रीष्मकालीन राजधानी के बोर्ड लगे हैं। मैं वहां धात लगाकर मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में कहां पर है? किस गांव में है? किस स्थान और तोक में है ? इन सवालों के साथ ही दिन के उजाले में टॉर्च और मोमबत्ती जलाकर उस स्थान को खोजा गया।
हरदा का उत्तराखंड से वादा
हरीश रावत ने कहा राज्य वासियों से वादा है कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो हम गैरसैंण में आधारभूत ढांचे का निर्माण कर राजधानी बनएंगे । वहीं पूर्व मुख्य्मंत्री हरीश रावत के उपवास पर उत्तराखंड की राजनीति मे आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पास कोई विषय शेष नहीं बचा है इसलिए उन्होंने मौन व्रत का रास्ता अपनाया है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है अगर हरीश रावत का कोई विषय है तो वह कांग्रेस विधायकों के माध्यम से सदन के अंदर प्रश्न को उठा सकते हैं सदन हर प्रश्न का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा हरीश रावत इस तरह से मौन व्रत करके अपने आप को आगे दिखाने की कोशिश कर रहे हैं । वहीं हरीश रावत के मौन उपवास को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा का कहना है पिछले लंबे समय से उत्तराखंड के लोग गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी द्वारा गैरसैण की अनदेखी की जा रही है जिसको लेकर आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वहां पर धरना दिया है।
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