उत्तराखंड में लोकसभा के प्रचार के बीच पप्पू को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है। इसकी शुरुआत कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र रावत को पप्पू कहकर की।
गणेश जोशी ने होली से ठीक पहले कहा कि वीरेंद्र रावत कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी बड़े पप्पू साबित होंगे इसी बात को लेकर बयानबाजी रफ्तार पकड़ रही है। अब पूर्व मुख्यमंत्री और वीरेंद्र रावत के पिता हरीश रावत अपने बेटे के बचाव में आ गए हैं। हरीश रावत ने कहा है बीजेपी के गप्पू से पप्पू अच्छा है। हरीश रावत ने खुद को भी पप्पू बताया और सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की जिसमें उन्होंने लिखा
मैं भारत की लोकसभा का सदस्य हो गया था, लेकिन मेरी मां मुझको हमेशा पप्पू ही कहती थी।
मेरी बड़ी बहनें भी मुझे पप्पू ही कहकर के पुकारती थी। पप्पू प्यार का शब्द है, दुलार का शब्द है। मगर गप्पू शब्द इस बात का प्रमाण है कि इस व्यक्ति के कथनी और करनी में बड़ा अंतर है जो केवल लफ्फाजी करता है, जुमलेबाजी करता है, #भाजपा जो है गप्पू है।
क्या है हरीश रावत का प्लान?
हरीश रावत की इस मुहिम का कितना असर पड़ेगा ये कहना तो मुश्किल है लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि वो अपने बेटे के बचाव में खुलकर आए हैं। इसीलिए जिस पप्पू शब्द ने राहुल गांधी के सियासी करियर पर एक अजीब सा विराम लगाया है उसी पप्पू शब्द को हरीश रावत अपनाकर नई बिसात बिछा रहे हैं। हरीश रावत ने तो यहां तक कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वो मैं भी पप्पू अभियान चलाने से पीछे नहीं हटेंगे। यानी हरिद्वार में हरीश रावत चुनावी लड़ाई को पप्पू बनाम गप्पू बनाने की तैयारी में हैं।
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