सरकार की अनदेखी से नाराज कुमाऊँ मंडल विकास निगम के कर्मचारी 20 जुलाई से अनोखा आंदोलन करेंगे। इसके जरिये अपने मांगों को लेकर सरकार को चेतावनी दी जाएगी।
संयुक्त कर्मचारी महासंघ कुमाऊँ मंडल विकास निगम की बैठक पर्यटक आवास गया सूखाताल में महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरु रानी की अध्यक्षता व महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कंचन चंदोला के संचालन में संपन्न हुई।
महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरु रानी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री सहित माननीय पर्यटन मंत्री व प्रमुख सचिव पर्यटन को पूर्व में दिए गए पत्र के बावजूद भी अभी तक पर्यटक आवास गृह मुक्तेश्वर, सातताल, परिचय रिजॉर्ट नौकुचियाताल की निकाली गई निविदा निरस्त नहीं की गई। नहीं अभी तक दोनों निगम में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को समझौते के तहत समान कार्य का समान वेतन दिया गया।
उन्होंने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया की 20 जुलाई से 31 जुलाई तक कुमाऊँ मंडल विकास निगम के समस्त इकाइयों में निगम के कर्मचारी अपने कार्यों के साथ-साथ अपनी मांगों को लेकर राज्य के इतिहास में पहली बार अनोखा आंदोलन सहयोगात्मक आंदोलन जिसके तहत पर्यावरण संरक्षण का आंदोलन किया जाएगा। जिसमें निगम के कर्मचारी आवास गृह व निगम की इकाइयों में में स्वच्छता कार्यक्रम व पौधारोपण कार्यक्रम चलाएंगे ।वहीं गैस कक्ष में कार्यरत कर्मचारी अपने दैनिक कार्यों के साथ-साथ उनको मिलने वाले लंच की अवधि में सफाई अभियान व पौधारोपण करेंगे। साथ ही साथ निगम कर्मचारी प्रत्येक दिवस अपनी मांगों के संबंध में अपने मुख्यालय से संबंधित अधिकारी के माध्यम से पौधे के साथ ज्ञापन देकर माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। सरकार द्वारा सहयोगात्मक आंदोलन के बावजूद भी अगर कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई तो पुनः अग्रिम रणनीति के तहत दोनों निगमों में भावी रणनीति के तहत कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
गुरु रानी ने कहा कि निगम के कर्मचारी दिन रात मेहनत करते हुए आदि कैलाश यात्रा, चार धाम यात्रा चलाकर निगमों का व राज्य का नाम देश विदेश में प्रसारित प्रसारित किया है। व सरकार के हर निर्णय का अग्रिम पंक्ति में रहकर पालन किया है। उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया कि लाभप्रद में रहने वाले पर्यटक आवास गृहों को सरकार द्वारा किन कारणों की वजह से निजी क्षेत्र में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निगमो के माध्यम से ही उत्तराखंड मूल के 98% से ज्यादा कर्मचारी रोजगार प्राप्त कर रहे हैं सरकार को चाहिए कि निगम को आर्थिक रूप से मजबूत करते हुए निगमो में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया कि शासन स्तर पर हुए समझौते के बावजूद भी एकीकरण से पूर्व सरकार निविदा निकाल रही है और वहीं संविदा कर्मचारियों को नियमित करना तो दूर समान कार्य का समान वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। बैठक में सभी जनपदों से भारी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।
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