हरक सिंह रावत की बीजेपी में वापसी की अटकलें तेज हैं। उत्तराखंड में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हरक को लेकर पहली बार बयान दिया है। महेंद्र भट्ट ने दावा किया कि उत्तराखंड के संगठन स्तर पर हरक की ज्वाइनिंग का कोई सवाल ही नहीं है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हरक रावत का निष्कासन सेंट्रल लीडरशिप ने किया है लिहाजा उनकी वापसी का फैसला भी दिल्ली से ही होगा।
यानी महेंद्र भट्ट ने हरक की वापसी की अटकलों को पूरी तरह खारिज नहीं किया है। भले ही वो उत्तराखंड बीजेपी के स्तर पर ज्वाइनिंग की ख़बरों को नकार रहे हों लेकिन दिल्ली से क्या फैसला आएगा इस पर उन्होंने खुद भी जानकारी होने से इनकार किया है।
हरक रावत के मन में क्या?
हरक सिंह रावत 2016 में हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाली टीम के लीडर थे। 2016 में ही वो बीजेपी में शामिल हुए और 2017 में कोटद्वार से विधानसभा की चुनाव जीतकर बीजेपी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। जनवरी 2022 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हरक ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। हरीश रावत के विरोध के बावजूद प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल की पैरवी पर हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी हुई।
हरीश रावत ने आधे अधूरे मन से हरक को पार्टी में शामिल कराए जाने के फैसले को स्वीकार किया, हालांकि हरीश की नाराजगी बनी रही और कई मौकों पर उन्होंने बयान भी दिए। 2022 चुनाव में हरक की बहू अनुकृति गुसाईं रावत ने लौंसडोन सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन वो जीत नहीं पाईं। इसके बाद हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर हरीश और हरक आमने सामने आए। हरक रावत लगातार टिकट की दावेदारी कर रहे थे मगर टिकट आखिर में हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को मिला। हरक रावत हाल फिलहाल राजनीतिक तौर पर उतने सक्रिय नहीं दिखे हैं। कॉर्बेट के पाखरो रेंज मामले में ED का नोटिस मिलने के बाद हरक पूरी तरह राजनीति से दूर हो गए। हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें ओडिशा विधानसभा चुनाव के लिए ऑब्जर्वर बनाया गया लेकिन इसमें भी उन्होंने दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब चर्चा इसी बात को लेकर है कि हरक रावत बीजेपी में कभी भी जा सकते हैं।

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