28 October 2025

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

मंत्री ने जाना शहर का हाल, स्मार्ट सिटी पूरी तरह बेहाल!

मंत्री ने जाना शहर का हाल, स्मार्ट सिटी पूरी तरह बेहाल!

देहरादून

स्मार्ट सिटी की हकीकत क्या है? करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी स्मार्ट सिटी जमीन पर क्यों नहीं उतर रही? बीजेपी के ही विधायक और नेता स्मार्ट सिटी को लेकर नाराजगी क्यों जता रहे हैं? स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर का क्या हाल किया गया है? जनता आखिर स्मार्ट सिटी को लेकर सरकार पर निशाना क्यों साधती है? इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को लंबे अरसे बाद धरातल पर जाने और जमीनी हकीकत समझने की फुर्सत मिली। मंत्री ने अपनी आंखों से शहर की बेहाली देखी। जगह जगह गड्ढे देखे, लोगों को हो रही समस्या का सच देखा। इसके बाद मंत्री ने अधिकारियों को फिर से अल्टीमेटम दिया। मगर सवाल ये है कि कम में लापरवाही और देरी का जिम्मेदार कौन है?

See also  रिखणीखाल में शहीद स्मरण समारोह में शामिल हुए सीएम धामी

शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा किये जा रहे कार्यों का ओचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्मार्ट सिटी के कार्यों में कई खामियां मिलने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगी। जिसको दुरुस्त करने को अधिकारियों ने मंत्री डॉ अग्रवाल ने 2 दिन का समय मांगा।

अग्रवाल ईसी रोड पहुंचे, जहाँ से चकराता रोड होते हुए बिंदाल पुल से आगे तक पैदल चलकर फुटपाथ, वाटर सप्लाई, ड्रेनेज, सड़क, डक्ट आदि कार्यों का निरीक्षण किया। डॉ अग्रवाल ने यहाँ सड़क किनारे बड़े नालों में पानी भरने, स्लैब न डालने तथा आड़े तिरछे निकले सरियों को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली।

See also  उत्तराखंड में आईपीएस और पीपीएस अफसरों के तबादले

डॉ अग्रवाल ने कहा कि जहाँ एक ओर सरकार देहरादून नगर सहित पूरे प्रदेश के विकास के लिए सराहनीय कार्य कर रही है, मगर अधिकारियों की कार्यशैली संतोषजनक नहीं है। उन्होंने निरीक्षण के दौरान स्थानीय नागरिकों से भी स्मार्ट सिटी के कार्यों का फीडबैक लिया। जिसके बाद कार्यो को शीघ्र करने के निर्देश दिए।

इसके बाद डॉ अग्रवाल ने अधिकारियों को गुणवत्तापरक व समय पर काम न करने के साथ सुरक्षात्मक दृष्टि से काम न होने पर कड़ी फटकार लगाई। डॉ अग्रवाल ने मौजूदा अधिकारियों को निर्देशित कर कहा कि जल्द ही सड़क किनारे बड़े नालों पर आवश्यकतानुसार स्लैब डाला जाए। जहाँ स्लैब नहीं बन पाने पर निर्माण कार्य क्षेत्र में बेरिकेडिंग लगाई जाए। साथ ही ड्रेनेज कार्य के बगल में गड्ढे भरने को कहा। जिसके लिए डॉ अग्रवाल से अधिकारियों ने 2 दिन का समय मांगा। मंत्री अग्रवाल ने यूपीसीएल के अधिकारियों से भी समन्वय बनाकर आवश्यकतानुसार बीच पोल को हटाने के निर्देश दिए।