उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हो रहे नुकसान के मसले पर सरकार घिर गई है। लोगों को हो रही परेशानी के बीच सरकार के मंत्रियों और सीनियर अफसरों का गायब रहना कई सवाल खड़े कर रहा है। आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता जोत सिंह बिष्ट ने आपदा के दौरान मंत्रियों और अधिकारियों के जनता से दूर रहने को सरकार की नाकामी और लापरवाही बताया है। जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों का संकट के वक्त अपने प्रभार वाले जिलों में न जाकर देहरादून में जमे रहना या दूसरी जगहों पर घूमना सीधे सीधे सरकार की नाकामी है। जोत सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भी सवाल उठाए। बिष्ट ने साफ किया कि सीएम धामी सुर्खियों में बने रहने के लिए खुद तो सब जगह पहुंच रहे हैं लेकिन उनकी जो जिम्मेदारी अपनी टीम से काम कराने की है वो नहीं करा पा रहे। जोत सिंह बिष्ट ने आपदा राहत को लेकर किए जा रहे काम को भी नाकाफी बताया। बिष्ट ने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही है और धरातल पर पीड़ितों को कोई मदद नहीं मिल रही। जोत सिंह बिष्ट ने सरकार को टीम वर्क यानि मिलकर काम करने की नसीहत दी ताकि आपदा से जूझ रहे लोगों को तेजी से मदद पहुंचाई जा सके। जोत सिंह बिष्ट ने आपदा के मुद्दे पर बीजेपी और सरकार को सियासी स्टंटबाजी करने की बजाय जनता को राहत पहुंचाने के लिए संजीदगी से काम करने की नसीहत भी दी। बिष्ट ने साफ किया कि सीएम अगर एकला चलो वाली सोच से ही आगे बढ़ते रहना चाहते हैं तो मंत्री बनाने का क्या फायदा? बिष्ट ने सीएम धामी को अपने में मगन रहने वाला और उत्तराखंड के सभी मंत्रियों को गैरजिम्मेदार करार दिया। बिष्ट ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल और अधिकारियों से काम नहीं करवा पा रहे हैं तो ये उत्तराखंड के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
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