1 July 2025

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उत्तराखंड में हार के बाद हरदा का नया प्लान

उत्तराखंड में हार के बाद हरदा का नया प्लान

उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटें लगातार तीसरी बार हारने वाली कांग्रेस सदमे में है। आगे क्या होगा और कैसे होगा इसे लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। पार्टी में अंदरखाने तमाम अटकलें भी लगाई जाने लगी हैं। जल्द ही दिल्ली में कांग्रेस की बैठक भी होनी है जिसमें भविष्य का रोडमैप तय किया जाएगा। वहीं कांग्रेस नेता हरीश रावत ने एक बार फिर नये सिरे से संघर्ष का ऐलान कर दिया है। हरीश रावत ने कहा है उत्तराखंड में हम सब लोग बैठेंगे और एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में उत्तराखंड में कैसे हम विपक्ष धर्म निभा सकते हैं इस पर चिंतन करेंगे। अपने कर्तव्य पथ के बिंदुओं को भी  निर्धारित करेंगे। लोकतंत्र की दो धूरियां हैं, दोनों धूरियों पर लगे हुये टायरों के सहारे से ही लोकतंत्र आगे बढ़ेंगा। उत्तराखंड के सम्मानित मतदाता अगली धूरी के टायरों में तो खूब हवा भर दे रहे हैं। उनसे प्रार्थना करेंगे कि राज्य में लोकतंत्र रूपी गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए आप पिछली धूरी के टायरों में भी अपनी प्यार व समर्थन की हवा भरिये। नगर निकाय और दो उपचुनावों में अवसर आ रहा है। यदि उत्तराखंड की जनता जनार्दन इन चुनावों में हमारा उत्साह बढ़ाएगी तो यकीनन हम उत्साहपूर्वक अपने विपक्ष धर्म का पूरी शक्ति से निर्वहन कर पाएंगे।

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लोकसभा में निराशा के बाद भविष्य की उम्मीद

लोकसभा चुनाव हो गया है। उत्तराखंड से पांच सांसद भी लोकसभा में पहुंच चुके हैं। जनता के सवाल, मंहगाई, सुरसा के मुंह की तरफ बढ़ती हुई बेरोजगारी, युवाओं में बढ़ती हुई हताशा, निरंतर गांवों से हो रहा पलायन, प्रत्येक स्तर पर पांव फैला चुका भ्रष्टाचार, जमकर हो रहा खनन, जन विरोधी शराब नीति, अवैध नसे का राज्य में बढ़ता हुआ प्रकोप, अग्निवीर योजना, अंकिता भंडारी का वह हत्यारा VIP कौन? शिक्षा और स्वास्थ्य की निरंतर गिरती स्थिति, जंगलों में बढ़ती हुई आग, वन्यजीवों का निरंतर बढ़ता हुआ आतंक, बिजली की बढ़ती हुई दरें और अघोषित विद्युत कटौती, कई क्षेत्रों में उत्पन्न आसन्न जल संकट, चारधाम यात्रा के संचालन में हो रही अव्यवस्था आदि प्रश्न यदि सत्ता से समाधान का इंतजार कर रहे हैं तो विपक्ष से भी इन मुद्दों पर आवाज उठाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। खैर लोकसभा चुनाव के बाद हम फिर जनता जनार्दन की चौखट पर नगर निकायों व उपचुनावों में शक्ति मांगने के लिए आयेंगे। देवता आशीर्वाद दे या न दे उसकी चौखट पर भक्त तो माथा रगड़ेगा ही। कांग्रेस लोकतंत्र की सेवक है और आप लोकतंत्र के देवता हैं, हम आपके पास आएंगे, बार-बार आएंगे, जिस रूप में रखेंगे उस रूप में आयेंगे।