जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि जल संरक्षण एक सामूहिक उत्तरदायित्व है और जन भागीदारी से हम पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण कर सकते हैं। उन्होंने आम जनमानस को भागीरथ एप्प में अपने गांव, क्षेत्र के क्रिटिकल/सूख रहे धारों, नौलों, सहायक नदियों की जानकारी साझा करने की अपील की और बताया कि सरकार इस सूचना के आधार पर संबंधित जल स्त्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन को लेकर कार्य करेगी।
जल उत्सव कार्यक्रम का उद्देश्य जल स्रोतों के संरक्षण, जल के पुनर्भरण और सतत उपयोग के प्रति आम जनमानस में जागरूकता फैलाना है। जल उत्सव के दौरान धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा थीम को केन्द्र में रखते हुए पारंपरिक जल स्रोतों जिसमें धारो, नौलों, गधेरों को पुनर्जीवन देने हेतु आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी। वहीं राजकीय इण्टर कालेज निजमुला की छात्राओं और छिनका की महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया गया। इस दौरान भागीरथ मोबाइल एप्प को लेकर जानकारी दी गयी और प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।

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