उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं हरीश रावत ने अपनी संपत्ति की अदला बदली की इच्छा भी जाहिर की है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा है माननीय #प्रधानमंत्री जी विपक्ष शासित किसी भी राज्य में जाते हैं तो वहां की सरकार को भ्रष्टतम बताते हैं और जब चुनाव नजदीक होते हैं तब तो प्रधानमंत्री जी बहुत क्लासिकल अंदाज में उस राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के #भ्रष्टाचार का बखान करते हैं। अभी माननीय प्रधानमंत्री जी को उड़ीसा और आंध्र के मुख्यमंत्री शायद उतने भ्रष्ट नहीं दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अभी उनको लेकर भ्रष्टाचार का निनाद नहीं किया है। मैं आश्चर्यचकित हूं कि क्या सारा भ्रष्टाचार श्री मोदी जी के विरोध में खड़े विपक्षी नेताओं तक ही सीमित है? भारतीय जनता पार्टी में सब दूध के धुले हुए हैं? उत्तराखंड में भाजपा की सत्ता को केवल मुझमें भ्रष्टाचार नजर आता है। इसलिए दो-दो CBI के मामले मेरे खिलाफ चल रहे हैं। जबकि स्थिति यह है कि 2027 आते-आते तक भाजपा का छोटे से छोटा कार्यकर्ता भी मुझसे बड़ा धनाढ्य हो जाएगा, नेता तो छोड़ दीजिए। अभी जो मेरे समकक्ष नेता हैं, मैं उनके साथ अपनी संपदा का अदला-बदली करने के लिए भी इच्छुक हूं। मगर मोदी जी की नजर में #उत्तराखंड या देश के भाजपा शासित राज्यों में सब लोग विशुद्ध रूप से गंगोत्री वाले गंगाजल से धुले हुए हैं। भ्रष्टाचार तो उनकी सरकारों और भाजपा से जुड़े व्यक्तियों को छू भी नहीं गया है।
धन्य है ऐसा चश्मा बनाने वाला, जिससे माननीय प्रधानमंत्री जी को विपक्ष के नेताओं में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार नजर आता है और भाजपा के नेतागण दूध से धुले हुए दिखाई देते हैं।
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