पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा देने की वकालत की है। हरीश रावत ने कहा है पिछले 7 साल से राज्य के खत्तों, गोटों, पड़ावों, खालों में रहने वाले लोगों का जीवन कठिनतर होता जा रहा है।
राज्य सरकार ने बिंदुखत्ता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि अतिक्रमण घोषित किया है और एक सरकारी सूची जिसमें इनको अतिक्रमणकारी बताया गया है, सरकार द्वारा अब भी उसको वापस नहीं लिया गया है। दूसरी तरफ इन बसासतों में रहने वाले लोग राजस्व गांव के दर्जे की मांग कर रहे हैं और इनके साथ पथरी बाग 1,2,3, 4 में रहने वाले भाई बहन भी भूमि धरी अधिकार मांग रहे हैं। गैंडीखत्ता में बसाये गये वन गुर्जर भाई भी भूमि धरी अधिकार मांग रहे हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनको पिछले कुछ वर्षों के अंदर अतिक्रमणकारी बताकर उनसे उनकी रोजी-रोटी छीनी गई है। बिन्दुखत्ता, उत्तराखंड की शान और अभिमान, दोनों हैं। यह खत्ते गोट आदि एक परंपरागत उत्तराखंड का दिग्दर्शन कराते हैं। हमारी उत्तराखंड की पहचान, किसी भी सरकार को इसको छीनने और कमजोर करने का हक नहीं दिया जा सकता है।
21 फरवरी को बिन्दुखत्ता वासियों ने राजस्व गांव के लिए हुंकार भरी, हम भी उसमें सम्मिलित हुये। हमने उसमें तय किया है कि उनकी इस हुंकार को हम देहरादून में ललकार में बदलेंगे और विधानसभा के सामने दिनांक – 27 फरवरी, 2024 को दोपहर 12 बजे, इंडिया एलायंस के सहयोगियों के साथ मिलकर एक धरना आयोजित किया जाएगा। हम सब लोग प्रातः 11 बजे होटल हिम पैलेस के निकट इकट्ठा होंगे और और वहां से विधानसभा की ओर चलेंगे और मार्ग में एक स्थान पर धरने पर बैठेंगे।

More Stories
खेल महाकुंभ की सफलता को लेकर पिथौरागढ़ में तैयारी तेज
विजय दिवस पर पिथौरागढ़ में अमर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
विजय दिवस पर सीएम धामी ने दी अमर शहीदों को श्रद्धांजलि