9 May 2025

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अतुल सती की सीएम धामी को चिट्ठी

अतुल सती की सीएम धामी को चिट्ठी

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को चिट्ठी लिखकर आपदा पीड़ितों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मां की है। चिट्ठी में लिखा है

सेवा में

मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

विषय : आपदा पीड़ित, अनिश्चित भविष्य के साथ पहले ही परेशान गरीब लोगों पर फर्जी मुकदमें कर उत्पीड़न करने के संदर्भ में एवम इसकी तत्काल वापसी के बाबत ।

महोदय, उपरोक्त विषय के संदर्भ में निवेदन है कि, 11 मई 2024 को जोशीमठ के गरीब दलित आपदा प्रभावितों को पुलिस की ओर से मुकदमें के नोटिस दिए गए हैं । इनका कसूर सिर्फ इतना है कि अपने विस्थापन पुनर्वास एवम अन्य सवालों पर 11 मई 2023 को एक मशाल जुलूस में शामिल थे ।

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महोदय, 11 मई 2023 को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समीति द्वारा यह मशाल जुलूस सालभर से चल रहे आन्दोलन के क्रम में अपनी मांगों पर कार्यवाही के संदर्भ में निकाला गया था । इन 11 मांगों पर स्वयं मुख्यमंत्री 8 अप्रैल को सहमति व्यक्त किए थे , किंतु कोई भी कार्यवाही न होने के साथ ही तब स्थानीय प्रशासन आपदा प्रभावितों के प्रति उपेक्षा का रुख अपना रहा था । जिससे असंतुष्ट जनता ने मशाल जुलूस के साथ अपना आक्रोश प्रकट किया ।

महोदय, पुलिस प्रशासन की आपत्ति के बाद स्थानीय प्रशासन उपजिलाधिकारी से फोन पर वार्ता के बाद , इस आश्वाशन और सहमति के साथ ही यह प्रदर्शन किया गया । जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को भी इस संदर्भ में सूचित किया गया था । इसके बावजूद पीड़ित लोगों पर पुलिस की यह कार्यवाही कहीं से भी न्यायोचित नहीं है ।

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महोदय, एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता को अपने जायज मांगों के लिए आवाज उठाना जनता का अधिकार है, इस अधिकार का उपयोग करने पर इस तरह की उत्पीड़न की कार्यवाही संवैधानिक अधिकारों का हनन ही माना जायेगा ।

महोदय, जोशीमठ के आपदा प्रभावितों की मांगों पर , जिन पर कि स्वयं मुख्यमंत्री की सहमति थी, अभी भी पूरी जमीनी कार्यवाही की प्रतीक्षा जनता को है , जनता के पुनर्वास , मुआवजा, भूमि का मूल्य, राजीव आवास, प्रधानमन्त्री आवास के क्षतिग्रस्त भवनों का मुआवजा, जोशीमठ के स्थाईकरण के कार्य आदि पर तो कार्यवाही नहीं हुई है किंतु प्रभावित गरीबों के उत्पीड़न हेतु फर्जी मुकदमे की कार्यवाही की जा रही है । यह पहले ही पीड़ित लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है । अतः हमारा आपसे निवेदन है कि इस उत्पीड़न की कार्यवाही पर तुरन्त रोक लगे । यह फर्जी मुकदमा वापस लिया जाए । हम आपसे 8 अप्रैल 2823 को वार्ता के क्रम में 11 बिन्दुओं पर बनी सहमति के बिन्दुओं को भी तत्काल अमल में लाए जाने की भी अपेक्षा करते हैं।