उत्तराखण्ड के आयुष सचिव रविनाथ रामन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (NCISM) और आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” को उत्तराखण्ड में सुचारू रूप से संचालित किया जाए। इस अभियान का उद्देश्य देश भर में प्राकृतिक चिकित्सा और स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।
“देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” 26 नवंबर 2024 से 25 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय भारत सरकार और भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली ने देश के विभिन्न राज्यों में इस अभियान को चलाने के लिए विस्तृत योजना तैयार की है। उत्तराखण्ड के सभी जिलाधिकारी इस योजना के तहत प्रचार-प्रसार और स्थानीय विभागों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
आयुष सचिव ने बताया कि यह अभियान देश भर में आयुर्वेद, योग और अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की उपयोगिता को बढ़ाने और जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनकी प्रकृति के अनुसार, स्वास्थ परीक्षण और उपचार की दिशा में जागरूक करना है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे।
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